आषाढ़ पूर्णिमा कब है 2025 Ashadh Purnima 2025 Date Time

आषाढ़ पूर्णिमा पूजा विधि Purnima Vidhi

Ashadh Purnima 2025 Date Time पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा बेहद खास मानी जाती है इस दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्मदिन मनाया जाता है इसे गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा भी कहते है. यह साल की बड़ी पूर्णिमा में से एक है. मान्यता है की पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान कर दान-पुण्य, पूजा-पाठ से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइये जानते है साल 2025 में आषाढ़ गुरु पूर्णिमा की सही तिथि, पूजा मुहूर्त, स्नान -दान का समय, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|

आषाढ़ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2025 Ashadh Purnima 2025 Shubh Muhurat

  1. साल 2025 में गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई गुरुवार को है|
  2. पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ – 10 जुलाई प्रातःकाल 01:36 मिनट|
  3. पूर्णिमा तिथि का समापन – 11 जुलाई प्रातःकाल 02:06 मिनट|
  4. अभिजीत शुभ मुहूर्त – प्रात:काल 11:59 मिनट से दोपहर 12:54 मिनट|
  5. गोधूलि मुहूर्त- सायंकाल 7:21 मिनट से सायंकाल 7:41 मिनट तक।
  6. चंद्रोदय का समय – सायंकाल 07:20 मिनट|
  7. निशितकाल पूजा मुहूर्त – रात्रि 12:06 मिनट से रात्रि 12:47 मिनट|
  8. स्नान – दान मुहूर्त – प्रातःकाल 04:10 मिनट से प्रातःकाल 04:50 मिनट|

आषाढ़ पूर्णिमा पूजा विधि Ashadha Purnima puja vidhi

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी या घर पर ही गंगाजल मिले जल से स्नान कर व्रत का संकल्प करे. अब चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापति कर दीपक जलाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करें. इसके बाद कनकधारा स्तोत्र और विष्णु मंत्रों का जाप और आरती कर फल, खीर, मिठाई का भोग लगाएं. रात्रि में चंद्रदेव को अर्घ्य देकर व्रत पूरा करे.

आषाढ़ पूर्णिमा उपाय Ashadh Purnima upay

  1. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान कर माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु को विधिवत पूजा करनी चाहिए.
  2. पूर्णिमा के दिन कमलगट्टे की माला से माँ लक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम: का जाप करना चाहिए.
  3. इस दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़कर दीपक जलाकर परिक्रमा करनी चाहिए.
  4. पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान को चंदन अर्पित कर पीले रंग की मीठाई का भोग लगाएं.
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