आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त 2021 | Amalaki Ekadashi Date Time 2021

आमलकी रंगभरी एकादशी पूजा विधि Amalaki Ekadashi Puja Vdhi 2021

आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त 2021आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त 2021- शास्त्रों में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी आमलकी आंवला और रंगभरी एकादशी के नाम से जानी जाती है विष्णु पुराण के मतानुसार एक बार भगवान विष्णु जी के मुख से चन्दमा के समान प्रकाशीय बिन्दू प्रकट होकर पृथ्वी पर आ गिरा जिससे आंवले के पेड की उत्पति हुई. आमला एकादशी का व्रत सभी एकादशी में सर्वश्रेष्ठ होता है. साल 2021 में आमलकी एकादशी पर कई शुभ योग बन रहे है जिस कारन यह एकादशी और भी अधिक लाभकारी होगी. आज हम आपको साल 2021 आमलकी एकादशी व्रत तिथि, शुभ योग,  पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले 1 खास उपाय के बारे में बारे में बताएँगे.

आमलकी एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2021 Amalaki Ekadashi Date Time 2021

  1. साल 2021 में आमलकी एकादशी का व्रत 25 मार्च गुरुवार के दिन रखा जायेगा.
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 24 मार्च प्रातःकाल 10:23 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 25 मार्च प्रातःकाल 09:47 मिनट पर|
  4. व्रत के पारण का शुभ समय होगा – 26 मार्च प्रातःकाल 06:18 मिनट से 08:21 मिनट तक|

आमलकी एकादशी शुभ योग 2021 Amalki Ekadashi Shubh Yog 2021

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आमलकी एकादशी व्रत के प्रभाव से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिष अनुसार इस साल आमलकी एकादशी पर सुकर्मा, घृति, अमृत काल, ब्रह्म मुहूर्त व अभिजीत मुहूर्त रहेगा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:08 मिनट से दोपहर 12:56 मिनट अमृत काल रात 09:13 मिनट से रात 10:48 मिनट तक और ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:53 मिनट से सुबह 05:41 मिनट तक रहेगा.

आमलकी एकादशी पूजा विधि Amalaki Ekadashi Vrat Puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार एकादशी का व्रत हमेशा उदया तिथि में रखा जाता है इसीलिए 25 को उदय तिथि होने के कारण व्रत 25 मार्च को रखा जायेगा जो भी लोग इस व्रत को करते है उन्हें दशमी तिथि से ही व्रत के सभी नियमो का पालन करना चाहिए. एकादशी तिथि को सबसे पहले स्नान कर भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष हाथ में तिल, कुश, व जल लेकर व्रत का संकल्प करें और भगवन विष्णु जी की आराधना करे. तत्पश्चात आंवले पेड़ की जड़ में वेदी बनाकर कलश स्थापित करें और कलश में पंच पल्लव रखकर धूप दीप जलाकर सभी पूजन सामग्री आंवले के वृक्ष को अर्पित करते हुए पूजा करें। इस दिन शाम तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाकर तुलसी मंत्रो का जाप करे. अगले दिन द्वादशी की सुबह व्रत का पारण करते हुए ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा देकर विदा करे.

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आमलकी एकादशी उपाय Amalaki Ekadashi Upay

  1. आमलकी एकादशी पर आवलें के वृक्ष की पूजा करने का विशेष महत्व है इसीलिए इस दिन आंवले के फल या आंवले के वृख का पूजन अवश्य करे.
  2. जिस तरह अक्षय नवमी में आंवले के वृक्ष की पूजा का महत्व है वैसे ही आमलकी एकादशी के दिन आंवले की वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  3. आंवला एकादशी को रंगभरी एकादशी भी कहते है इस दिन भवन शिव की आराधना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है
  4. आमलकी एकादशी के दिन आवलें के फल को भगवन विष्णु जी के सामने रखकर उसकी पूजा करे पूजा के बाद इस फल को धन रखने के स्थान पर रख दे इससे आर्थिक लाभ होता है.
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