अक्षय तृतीया पूजा उपाय Akshaya Tritiya Pujan Vidhi
शास्त्रों में अक्षय तृतीया का बड़ा महत्व बताया गया है धार्मिक दृष्टि से कभी क्षय न होने वाली यह तिथि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष अक्षय तृतीया तिथि व पर्व 26 अप्रैल, रविवार को पड़ रही है। मान्यता है की इस तिथि को किए गए पुण्य कार्य और संग्रह हमेशा बने रहते हैं. इस साल अक्षय तृतीया कई मयानों में विशेष होगी क्योकि अक्षय तृतीया पर इस साल 6 राजयोग बन रहे हैं। हिन्दू पंचांग की माने तो इस वर्ष अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र के साथ अबूझ मुहूर्त भी पड़ेगा जो बेहद शुभ होगा तो आइए जानते हैं इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए किस शुभ मुहूर्त में पूजा करना शुभ होगा|
अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त 2020 Akshaya Tritiya Shubh Muhurat 2020
- साल 2020 में अक्षय तृतीया का पर्व 26 अप्रैल रविवार के दिन मनाया जाएगा|
- अक्षय तृतीया पूजा का मुहूर्त होगा – 26 अप्रैल रविवार प्रातःकाल 05:48 मिनट से दोपहर 12:19 मिनट तक|
- पूजा की कुल अवधि होगी – 06 घंटे 34 मिनट की होगी|
- तृतीया तिथि प्रारंभ होगी – 25 अप्रैल शनिवार प्रातःकाल 11:51 मिनट पर|
- तृतीया तिथि समाप्त होगी – 26 अप्रैल रविवार सायंकाल 1:22 मिनट पर|
- सोना खरीदने का शुभ समय होगा – 26 अप्रैल रविवार प्रातःकाल 11:51 मिनट से 05:45 मिनट तक|
- मुहूर्त की कुल अवधि – 17 घंटे 53 मिनट की होगी|
राजयोग में माँ लक्ष्मी को ऐसे करे प्रसन्न Akshaya Tritiya Puja
इस बार अक्षय तृतीया लॉक डाउन के चलते अपबाहर तो नहीं जा सकेंगे इसीलिए घर के सभी स्वर्ण आभूषणों या कोरे सामान को कच्चे दूध और गंगाजल से स्वच्छा कर ले और उन्हें एक लाल कपड़े पर रखकर, कुमकुम से उनका पूजन करें। पूजन करते समय उन पर लाल फूल चढ़ाएं। इसके बाद महालक्ष्मी मंत्र ‘ऊं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मयै नम:” मंत्र की एक माला जाप करें। इसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा व आरती कर धुप दीप करे पूजा के बाद शाम को इन आभूषणों को तिजोरी में रख दें।
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अबूझ मुहूर्त क्या है Akshaya Tritiya 2020
शास्त्रों के अनुसार कोई भी मांगलिक कार्यों के लिये अक्षय तृतीया तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है जहां मांगलिक कार्यों को करने के लिये शुभ घड़ी व मुहूर्त देखना पड़ता है वही अक्षय तृतीया एक ऐसी सर्वसिद्धि तिथि होती है जिसमें किसी भी मुहूर्त को देखने की जरूरत नहीं होती है इसीलिए इस तिथि को अबूझ मुहूर्तों में शामिल किया गया है। इस दिन सोना खरीदने की परंपरा भी बहुत ही प्राचीन है मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में सुख समृद्धि आती है।