3 सालो की बड़ी अधिक मास अमावस्या 2020 Adhik Maas Amavasya 2020 

मलमास अमावस्या नियम Ashwin Adhik Maas Amavasya Niyam

Adhik Maas AmavasyaAdhik Maas Amavasya- शास्त्रों में अमावस्या तिथि पितरो के श्राद्ध व दान पुण्य जैसे कर्मो के लिए महत्वपूर्ण होती है पंचांग के अनुसार अधिक मास 18 सितम्बर से शुरू हुआ था और अब 16 अक्टूबर अमावस्या के दिन समाप्त होने जा रहा है ये अधिक मास या मल मास की दूसरी और आख्रिरी बड़ी अमावस्या होगी ये तिथि 3 साल में एक बार आती है इसके साथ ही मल मास का समापन हो जाएगा. यह अमावस्या शुक्रवार के बहुत ही शुभ योग में आ रही है इसीलिए इस दिन महालक्ष्मी की पूजा और जरूरी नियमो का पालन किया जाय तो इस तिथि का लाभ प्राप्त किया जा सकता है आज हम आपको साल 2020 अधिक मास की आखिरी अमावस्या की तारीख, शुभ मुहूर्त और इस दिन आपको किन बातो का ख़ास ख्याल रखना चाहिए इस बारे में बताएँगे.

आश्विन अधिक मास अमावस्या शुभ मुहूर्त 2020 Ashwin Amavasya 2020 Date

  1. साल 2020 में अधिक मास की अंतिम अमावस्या 16 अक्टूबर शुक्रवार को है|
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 16 अक्टूबर प्रातःकाल 04:52 मिनट पर|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 17 अक्टूबर प्रातःकाल 01:00 बजे|

अधिक मास शुक्रवार अमावस्या विधि Ashwin Amavasya Pooja Vidhi

ज्योतिष अनुसार अमावस्या तिथि पर सूर्य और चंद्र एक साथ एक ही राशि में होते हैं। 16 अक्टूबर को सूर्य और चंद्र कन्या राशि में रहेंगे। अमावस्या के स्वामी पितृदेव माने गए हैं। इसलिए अमावस्या पर पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म और दान-पुण्य का विशेष महत्व है इस दिन जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करे इससे जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति होती है अमावस्या मोक्ष प्रदान करने वाले देव भगवान विष्णु जी की पूजा आराधना का दिन होता है। इसीलिए इस इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करें. और घर में पितरों के नाम से भी धूप-ध्यान करे. क्योकि यह अमावस्या शुक्रवार के शुभ संयोग में आ रही है इसीलिए अमावस्या तिथि पर भगवान् विष्णु जी के साथ माता महालक्ष्मी जी का पूजन जरूर करे ताकि आपको माँ महालक्ष्मी जी के आशीर्वाद से सुख समृद्धि प्राप्त हो सके.

अधिक मास अमावस्या नियम – Ashwin Amavasya upay

  1. अधिक मास की अमावस्या पर शुक्रवार का संयोग धनप्राप्ति के लिए बहुत ही शुभ होता है. अमावस्या तिथि पित्रो के लिए ख़ास मानी जाती है इसीलिए इस दिन घर में तामसिक भोजन का प्रयोग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए.
  2. अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने का विधान है इसीलिए इस दिन शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है।
  3. अमावस्या तिथि के दिन घर में क्रोध, कलह या मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  4. मान्यता है की अमावस्या तिथि चंद्रमास की आखिरी तिथि होती है इस दिन वातावरण में सभी नकारात्मक शक्तियां जाग्रत रहती है इसीलिए अमावस्या तिथि की रात में अधिक देर तक घर से बाहर नहीं रहना चाहिए.
  5. यदि आप इस शुक्रवारी अमावस्या पर भगवान् विष्णु जी और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना कर उन्हें घी का दीपक अर्पित करते है तो इससे आपको जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति होती है और आपकी हर मनोकामना पूरी होती है
  6. पीपल में तीनो देवो का वास माना गया है इसीलिए पुरुषोत्तम मास में 3 सालो में आने वाली इस अमावस्या तिथि पर पीपल पर जल चढ़ाना बिलकुल ना भूले. यदि आप इस दिन पीपल वृक्ष का पूजन करते है तो देवताओ के साथ साथ आपको अपने पितृ देवो का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
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