निर्जला एकादशी पूजा विधि Ekadashi Puja Vidhi
Nirjala Ekadashi 2025 Kab Hai शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी क्क व्रत बेहद खास और बहुत ही शुभ माना जाता है. मान्यता है की इस व्रत के प्रभाव से साधक के जन्म जन्मांतर के पाप कर्म नष्ट हो जाते है. निर्जला एकादशी का व्रत निर्जल किया जाता है यह भगवन विष्णु को समर्पित व्रत है इस दिन तुलसी से जुड़े उपाय फलदायी होते है. आइये जानते है साल 2025 में निर्जला एकादशी का व्रत कब है, पूजा व पारण का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस व्रत में किये जाने वाले तुलसी से जुड़े उपाय क्या है|
निर्जला एकादशी 2025 मुहूर्त Nirjala Ekadashi Date time 2025
- साल 2025 में निर्जला एकादशी का व्रत 6 और 7 जून को रखा जायेगा|
- 6 जून को स्मार्त और 7 जून को वैष्णव एकादशी होगी|
- एकादशी तिथि प्रारम्भ – 6 जून प्रातःकाल 02:15 मिनट|
- एकादशी तिथि समाप्त – 7 जून प्रातःकाल 04:47 मिनट|
- द्वादशी तिथि समाप्त – 8 जून प्रातःकाल 07:17 मिनट|
- 6 जून व्रत करने वालो के लिए पारण का समय – 7 जून दोपहर 01:44 मिनट से सायंकाल 04:31 मिनट|
- 7 जून व्रत करने वालो के लिए पारण का समय – 8 जून प्रातःकाल 05:23 मिनट से प्रातःकाल 07:17 मिनट|
निर्जला एकादशी पूजा विधि Nirjala Ekadashi Puja Vidhi
एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करे और फिर निर्जल व्रत का संकल्प ले. इस दिन भगवान विष्णु की पंचोपचार विधि से पूजा करे पूजा में उन्हें पीले चंदन का तिलक कर पीले फल-फूल, पीली मिठाई, तुलसी पत्र अर्पण करें. पूजा में ओम नमो भगवते वासुदेवायः मंत्र का जाप व व्रत कथा का पाठ करे. अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करे.
निर्जला एकादशी तुलसी के उपाय Nirjala Ekaddashi Niyam
- तुलसी भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें तुलसी दल जरूर चढ़ाना चाहिए क्योंकि इसके बिना श्री हरि की पूजा अधूरी मानी जाती है।
- इस दिन शाम को तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है
- आज केदिन तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा कर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- इस दिन तुलसी में कलावा अर्पित करना भी शुभ होता है.