सर्वपित्र अमावस्या सूर्यग्रहण उपाय Amavasya Upay 2024
Sarwapitr Amavasya Suryagrahan 2024 शास्त्रों में अमावस्या तिथि बहुत ही खास मानी जाती है पंचांग के अनुसार आश्विन मास की अमावस्या के दिन सर्वपित्र अमावस्या मनाई जाती है. साल 2024 में सर्वपित्र अमावस्या 2 अक्टूबर बुधवार को है. ज्योतिष अनुसार इसी दिन साल का आखिरी सूर्यग्रहण भी लगने वाला है. ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसे शुभ नहीं माना जाता है ग्रहण काल में पूजा पाठ के कार्य वर्जित होते है लेकिन इस दौरान कुछ खास उपायों से जीवन में समृद्धि आती है. आइये जानते है सर्वपित्र अमावस्या पर लग रहे सुर्यग्रहण का सही समय, भारत में इसका असर, शुभ मुहूर्त और इस दौरान कौन से उपाय करने शुभ होते है|
सर्वपित्र अमावस्या तिथि व मुहूर्त 2024 Ashwin Amavasya 2024 Date
- साल 2024 में सर्वपितृ अमावस्या 2 अक्टूबर बुधवार को है|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 1 अक्टूबर रात्रि 09:39 मिनट पर|
- अमावस्या तिथि समाप्त – 3 अक्टूबर प्रातःकाल 12:18 मिनट पर|
- कुतुप मूहूर्त – प्रातःकाल 11:43 मिनट से दोपहर 12:31 मिनट तक|
- रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12:31 मिनट से दोपहर 01:19 मिनट|
- अपराह्न काल – दोपहर 01:19 मिनट से सायंकाल 03:43 मिनट तक|
- श्राद्ध, पिंडदान मुहूर्त – प्रातःकाल 11:00 बजे से सायंकाल 03:30 मिनट|
सूर्यग्रहण व सूतक का समय Solar Eclipse 2024
- साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण 2 अक्टूबर आश्विन सर्वपित्र अमवस्या पर लगेगा|
- भारतीय समयनुसार ग्रहण रात 09:13 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 03:17 मिनट पर समाप्त होगा|
- सूर्य ग्रहण का सूतक ठीक 12 घंटे पहले लगता है भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देने के कारण इसका सूतक मान्य नहीं होगा.
सूर्यग्रहण कहाँ कहाँ दिखाई देगा Surya Grahan Kahan Dikhai Dega
ज्योतिष अनुसार साल 2024 का आखिरी सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका, प्रशान्त महासागर, उत्तरी-अमेरिका के दक्षिणी भागों, एटलांटिक महासागर, न्यूजीलैंड, फिजी आदि देशों में कुछ समय के लिए दिखाई देगा. चिली, अर्जेंटीना, ब्राज़ील, मैक्सिको, पेरू, न्यूजीलैंड और फिजी में सूर्यग्रहण बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा. इस ग्रहण की कंकण कृति केवल दक्षिणी चिली और दक्षिणी अर्जन्टीना में ही दिखाई देगी।
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सूर्यग्रहण और सर्वपित्र अमावस्या के उपाय Ashwin Amavasya Upay
- सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने की स्थिति में श्राद्ध कर्म के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
- सर्वपितृ अमावस्या पर लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. ऐसे में बिना किसी संशय के इस दिन श्राद्ध कर्म या तरपान के कार्य किये जा सकते है.
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध, तर्पण और दान करे.
- सूर्य को अर्घ्य दें.
- दक्षिण दिशा में तांबे के लोटे में जौ, तिल, चावल, गाय का कच्चा दूध, सफ़ेद फूल, पानी, और गंगाजल डालकर अर्पित करे.
- पितरों को भोग लगाएं.
- गाय, कुत्ते, कौएं और चींटियों को भोजन देना चाहिए और जरूरतमंद व ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए.