वैसाख शुक्ल प्रदोष व्रत 2022 कब है 28 April 2022 Pradosh Vrat

गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि 2022 Pradosh Vrat Puja Vidhi

28 April 2022 Pradosh Vrat28 April 2022 Pradosh Vrat प्रत्येक माह के दोनों पक्षों शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाने वाला व्रत प्रदोष व्रत कहलाता है यह व्रत भगवान् शिव को समर्पित है. शिव पुराण के अनुसार इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल अर्थात शाम के समय करने का विधान है यदि प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़े तो उसे गुरु प्रदोष कहा जाता हैं. इस साल वैसाख कृष्ण पक्ष का प्रदोष 28 अप्रैल गुरुवार के को है यह गुरु प्रदोष होगा. ज्योतिष अनुसार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. आज हम आपको साल 2022 वैशाख कृष्ण प्रदोष व्रत की तिथि, प्रदोष काल पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.

वैशाख कृष्ण प्रदोष तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat April Month Date

  1. साल 2022 में वैशाख कृष्ण प्रदोष व्रत 28, अप्रैल गुरुवार को रखा जाएगा.
  2. प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सायंकाल 06:54 मिनट से रात्रि 09:04 मिनट तक|
  3. वैशाख, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ होगी – 28 अप्रैल प्रातःकाल 12:23 मिनट पर|
  4. वैशाख, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त होगी – 29 अप्रैल प्रातःकाल 12:26 मिनट पर|
  5. गुरु प्रदोष के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होगा- 28 अप्रैल शाम 05:40 मिनट से 29 अप्रैल को सुबह 05:42 मिनट तक|

इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रदोष व्रत Pradosh Vrat Shubh Yog

ज्योतिष की माने तो साल 2022 में वैसाख मास के कृष्ण पक्ष के गुरु प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह योग शाम को 05:40 मिनट से शुरु होगा और अगले दिन सुबह 05:42 मिनट तक रहेगा. ऐसे में अगर कोई जातक सर्वार्थ सिद्धि योग में शिव जी की पूजा करता है तो आपको कार्यों में सफलता और मनोकामना पूरी होती है.

गुरु प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

28 April 2022 Pradosh Vrat  मान्यता है की गुरु प्रदोष का व्रत करने से जीवन की कठिन से कठिन समस्याएं भी समाप्त होने लगती है सूर्यास्त के बाद और रात के आने से पहले का समय प्रदोष काल कहलाता है. जो शिव भक्ति के लिए सबसे शुभ समय होता है गुरुवार को पढ़ने वाला प्रदोष गुरु प्रदोष कहलाता है इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिव माता पार्वती और गणेश जी की विधिवत पूजा करे. प्रदोष काल अर्थात शाम के समय भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराकर सभी पूजन सामग्री व बिल्वपत्र अवश्य अर्पित करे इसके बाद शिव परिवार के समक्ष घी का दीपक जलाकर गं गणपतये नमः और शिव पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय का 108 बार जाप करें और अंत में महादेव को सफेद चावल से बनी खीर का भोग लगाकर पूजा संपन्न करने के बाद प्रसाद वितरण करे.

गुरु प्रदोष महाउपाय Pradosh Vrat Mahaupay

  1. प्रदोष व्रत भगवन शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया है. वही अगर यह गुरु प्रदोष हो तो इस दिन का महत्व और भी अधिक बड़ जाता है आइये जानते है गुरु प्रदोष के दिन किये जाने वाले उपाय क्या है.
  2. मान्यता है की गुरु प्रदोष का व्रत करने से जीवन की कठिन से कठिन समस्या को सुलझाया जा सकता है. इस दिन हल्के पीले या कोई भी शुद्ध वस्त्र धारण करे भगवान विष्णु को पीले चन्दन का तिलक कर पीले फल फूल अर्पण करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.
  3. गुरु प्रदोष के दिन पूजा में चने की दाल, पीला वस्त्र और साबुत पीली हल्दी भगवन विष्णु जी को अर्पित करने से सभी समस्याएं दूर होने लगती है.

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  1. गुरु प्रदोष के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने और वहां पर शुद्ध घी का दीपक जलाने से सभी सुखो की प्राप्ति होती है.
  2. इस दिन गुड़ का दान करना शुभ होता है.
  3. विवाह में आ रही बंधाओ को दूर करने के लिए गुरु प्रदोष के दिन प्रदोष काल में शिवलिंग पर केसर मिला दूध या फिर गुलाब के पुष्प डालकर जल अर्पित करे.
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