2018 Masik Kalashtmi Vrat कालाष्टमी व्रत पूजा मुहूर्त Festival Tips

भैरवाष्टमी कालाष्टमी व्रत पूजा मुहूर्त Masik Kaal Bhairav Kalashtmi Vrat

2018 Masik Kalashtmi Vrat 2018 Masik Kalashtmi Vrat शास्त्रों की माने तो हर साल प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अष्ठमी को कालाष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है. साल 2018 अगस्त माह और सावन माह में कालाष्टमी का यह त्यौहार 4 अगस्त को मनाया जाएगा. यह दिन भगवान भैरव जी की पूजा और व्रत का होता है. कृष्ण पक्ष में मनाई जाने वाली अष्टमी को कालाष्टमी या भैरवाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप की पूजा आराधना करने का विधान है. काला अष्टमी के दिन पूजा करने से घर से सभी प्रकार की नेगेटिविटी दूर हो जाती है. आज हम आपको कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले काला अष्टमी के व्रत पूजा शुभ मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.

कालाष्टमी या कालभैरव जयंती व्रत पूजा विधि 2018 Masik Kalashtmi Vrat Pujan Vidhi

2018 Masik Kalashtmi Vrat पुराणों में ऐसी मान्यता है की जो भी लोग काला अष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा आराधना करते है, तो भगवन भैरव उनके सभी कष्ट दूर कर देते है और व्यक्ति की सारी मनोकामना पूरी करते है काला अष्टमी के दिन प्रातः काल उठकर स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए दिन के हर प्रहर में भगवन भैरव की पूजा और जल का अभिषेक करना चाहिए अष्टमी के दिन माता पार्वती और शिवजी की पूजा भी करनी चाहिए. कालाष्टमी के दिन रात की पूजा का विधान है इस दिन बाबा भैरव नाथ की कथा अवश्य ही पढ़नी चाहिए. अगले दिन पवित्र नदी में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

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कालाष्टमी का व्रत क्यों रखा जाता है Kaalbhairav Jayanti 2018 Festival Tips

प्राचीन कथाओं के अनुसार एक बार ब्रह्मा और विष्णु जी के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया की दोनों में कौन सबसे श्रेष्ठ है। इस विवाद को सुझाने के लिए सभी भगवान् शिव के पास गए सबने शिव को ही श्रेष्ट बताया लेकिन ब्रह्मा जी इस बात से नाराज हो गए और उन्होंने शिव जी का अपमान कर दिया जिसके बाद शिव जी को क्रोध आ गया और तभी कालभैरव का जन्म हुआ इसके बाद इस दिन यानी की काला अष्टमी को कालभैरव के जन्म दिन के रूप में मनाया जाने लगा।

काल भैरव की पूजा व्रत का फल और महत्व Importance Of Kaalbhairav Fast

2018 Masik Kalashtmi Vrat मान्यता है की इस दिन व्रत करने और भगवान भैरव की पूजा करने से व्यक्ति हमेशा स्वस्थ्य रहता है भगवान शिव और माता पार्वती की कथा पढ़ने सुनने और भजन करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है. ‘काल अष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा करने से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है.शास्त्रों में यह व्रत बेहद ही शुभ फलदायी माना गया है इस व्रत को करने से जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है और व्यक्ति को उसके प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होती है.

काल भैरवाष्टमी के दिन क्या करे What to Do on Kaalbhairav  Ashtmi

  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मंदिर जाकर भैरवजी के दर्शन करना बेहद ही शुभ होता है
  • भगवान भैरव जी को प्रिय वस्तूये जैसे- काले तिल, उड़द, नारियल, सरसो का तेल, सुगंधित धूप, पुए, आदि दान करने से व्यक्ति को मनचाही सफलता प्राप्त होती है.
  • इस दिन सच्चे मन से काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते है
  • कहा जाता है की इस दिन भैरवजी के वाहन अर्थात श्वान को गुड़ खिलाने से व्यक्ति की प्रत्येक इच्छा पूरी होती है.
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