Krishna Janmashtami 2018|Date TimePuja Muhurt|श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व 2018
Janiye Janmashtmi Kab Hai Is Baar- 2018 Janmashtmi Day Date Time- शास्त्रों की माने तो भगवान श्री कृष्ण विष्णु जी के ऐसे अवतार हैं जिनका बचपन कई लीलाओं से भरा हुआ है महाभारत के समय उन्होंने गीता के उपदेश से कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाया. श्री कृष्ण जी के जन्मदिन को हिंदू धर्म शास्त्रों में काफी महत्व दिया गया है. भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले और उनमें आस्था रखने वाले इनके जन्मदिन को जन्माष्टमी के रूप में काफी हर्षोल्ल्लास के साथ मनाते है. इस दिन लोग उनकी कृपा पाने के लिए व्रत रखते है और पूजा अर्चना करते हैं। आज हम आपको श्री कृष्णा जन्माष्टमी पर्व 2018 के व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, और इसके महत्व के बारे में बतायेगे.
श्री कृष्ण का जन्म कब हुआ Birthday Of Lord Krishna 2018 Janmashtmi Day Date Time
जन्माष्टमी का त्यौहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है पौराणिक ग्रंथों की अगर माने तो श्री कृष्ण जी का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था। ऐसी मान्यता है की यदि भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र संयोग होता है तो यह बेहद ही शुभ संयोग माना गया है.
श्री कृष्णा जन्माष्टमी पर्व तिथि व मुहूर्त 2018 Shree Krishna Janmashtmi Shubh Muhurt
साल 2018 में श्री कृष्णा जन्माष्टमी का त्यौहार 2 सितंबर रविवार के दिन मनाया जाएगा. जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त होगा 23:57 मिनट से 00:43 मिनट तक का.अर्थात पूजा की कुल अवधि 45 मिनट की होगी.
- अष्टमी तिथि शुरू होगी– 2 सितम्बर रविवार के दिन 20:47 मिनट पर
- अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 3 सितम्बर सोमवार के दिन 19:19 मिनट पर.
- पारण का शुभ मुहूर्त होगा – 3 सितम्बर सोमवार के दिन 20:05 के बाद. रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति 20:05 मिनट पर होगी.
श्री कृष्णा जन्माष्टमी व्रत पूजा विधि Shree Krishna Janmashtmi Pujan Vidhi 2018
2018 Janmashtmi Day Date Time- शास्त्रों में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही ख़ास महत्व रखता है इस दिन कृष्ण जी के सभी भक्त पूरी श्रद्धा और विधि-विधान के साथ व्रत रखते हैं और उनकी आराधना करते है. जन्माष्टमी के दिन प्रातः काल उठकर सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लेकर उपवास की शुरुआत करनी चाहिए और अष्टमी तिथि के समाप्त होने के बाद ही अपना व्रत खोलना चाहिए. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में दूध, जल और घी से अभिषेक करना शुभ माना जाता है. यदि संभव हो तो एक पालने या झूले पर भगवान कृष्ण की बाल गोपाल प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद पूरे भक्तिभाव से फूल, धूप, अक्षत, नारियल, सुपारी , फल से भगवान श्री कृष्ण के बाल रुप की पूजा करनी चाहिए। इस दिन कई लोग फलाहार व्रत भी करते है. कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी की मध्य रात्रि को हुआ था। इसलिए कहा जाता है की इस दिन मध्य रात्रि के समय भगवान कृष्ण जी की पूजा करनी चाहिए.
कृष्णा जन्मष्टमी व्रत का महत्व Shree Krishna Janmashtmi Importance
2018 Janmashtmi Day Date Time- भविष्यपुराण में बताया गया है की जन्माष्टमी का व्रत करने से व्यक्ति की सभी प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होती हैं। और जो भी इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ रखता है तो उसे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है. इस दिन दही-हांडी फोड़ने का भी अपना अलग और ख़ास महत्व होता है.
राशिअनुसार जाने साल 2018 का भविष्यफल
श्री कृष्ण जन्माष्टमी भोग Krishna Janmashtmi 2018 Bhog
मान्यता है की कृष्णा जी को माखन बहुत अधिक प्रिय है इसीलिए उनकी पूजा स्वरुप माखन, मिश्री, खीरा ककड़ी और पंजरी का भोग लगाना चाहिए. कान्हा जी की पूजा में भोग के समय तुलसी पत्र चढ़ाना शुभ होता है इसीलिए भोग लगाते समय तुलसी पत्र का इस्तेमाल अवश्य करे.