18 July 2020 Sawan Pradosh Vrat सावन शनिवार प्रदोष व्रत 2020 कब है

प्रदोष व्रत पूजा विधि 2020 Pradosh Vrat Poja Vidhi

सावन शनिवार प्रदोष व्रत सावन शनिवार प्रदोष व्रत – शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह के दोनों पक्षों शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाने वाला व्रत प्रदोष व्रत कहलाता है इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है शिव पुराण के अनुसार इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानि की शाम के समय करने का विधान है सावन का पहला प्रदोष व्रत 18 जुलाई शनिवार के दिन पड़ेगा यह शनि प्रदोष होगा यह व्रत इसीलिए भी खास है क्योकि यह सावन मास का प्रदोष व्रत है जो सावन भगवान शिव का प्रिय माह और उनकी पूजा का विशेष दिन। एक हम आपको साल 2020  सावन माह के शनि प्रदोष व्रत की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, शिव पंचाक्षरी मंत्र और सावन में शनि प्रदोष के दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.

शनि प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat July Month Date

  1. साल 2020 में श्रावण, कृष्ण प्रदोष व्रत 18 जुलाई शनिवार के दिन रखा जाएगा.
  2. प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 18 जुलाई शनिवार सायंकाल 07:20 मिनट से लेकर 09:23 मिनट तक|
  3. सावन, कृष्ण त्रयोदशी तिथि आरम्भ होगी – 18 जुलाई शनिवार प्रातःकाल 12:33 मिनट पर |
  4. त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 19 जुलाई प्रातःकाल 12:41 मिनट पर |

शनि प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

शनि प्रदोष के दिन प्रातः स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान शंकर, माता पार्वती, को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर सभी पूजन सामग्री जैसे  बेल पत्र, अक्षत, फल-फूल, धूप, दीप, नैवेद्य पान, सुपारी, लौंग व इलायची आदि चीजे अर्पित करे. प्रदोष काल अर्थात शाम के समय भगवान शिव को पुनः पंचामृत से स्नान कराकर सभी पूजन सामग्री व बिल्वपत्र अवश्य अर्पित करे दीपक जलाकर गं गणपतये नमः और शिव पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय का 108 बार जाप करें। शनि प्रदोष के दिन शनि महाराज की पूजा कर उन्हें काले तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द उनकी प्रिय चीजे चढ़ाना बहुत ही शुभ होता है.

प्रदोष व्रत उद्यापन विधि Pradosh Vrat Udhyapan Vidhi

शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत का उद्यापन पूरे विधि विधान से अवश्य करना चाहिए इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है प्रदोष व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि के दिन ही करना शुभ होता है. उद्यापन से पहले श्री गणेश जी की पूजा करे त्रयोदशी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद ऊँ उमा सहित शिवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप कर हवन कर ले.  हवन पूरा होने के बाद भगवान शिव की आरती और शान्ति पाठ करे. इसके बाद ब्रह्माण को भोजन कराकर उद्यापन की विधि पूरी करे.

शनि प्रदोष महाउपाय Pradosh Vrat Mahaupay

प्रदोष व्रत भगवन शिव व माता गौरी को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया है. वही अगर यह शनि प्रदोष हो तो इस दिन का महत्व और भी अधिक बड़ जाता है क्योकि इस दिन भगवन शिव के साथ शनि देव का पूजन व उपाय करने से व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है तो आइये जानते है शनि प्रदोष के दिन किये जाने वाले उपाय क्या है.

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  1. शनि प्रदोष के दिन संभव हो तो कम से कम एक माला शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति को शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.
  2. शनि प्रदोष के दिन पीपल के वृक्ष को जल देकर परिक्रमा करने से शनिदेव जल्द ही प्रसन्न होकर भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते है.
  3. आज के दिन हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को व्रत का दोगुना फल प्राप्त होता है.
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