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तिलक के साथ चावल लगाने के कारण Facts behind Put Rice with Tilak

जानें माथे पर तिलक के साथ चावल क्यों लगाए जाते है Facts behind Apply Rice with Tilak on Forehead

तिलक के साथ चावल – यह तो आप जानते ही होंगे कि हिंदू धर्म में माथे पर तिलक लगाने का अपना एक विशेष महत्व होता है. कोई भी शुभ कार्य जैसे – पूजा-पाठ, त्योहार, जन्मदिवस या फिर शादी जैसे कार्यों में भी तिलक लगाया जाता है.

शास्त्रों के अनुसार कुमकुम, श्वेत चंदन, लाल चंदन,आदि से तिलक लगाना काफी शुभ माना जाता है पर आजकल अधिकतर मुख्य रूप से कुमकुम का ही तिलक लगाया जाता है.

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आपने देखा होगा कि कई बार हम कुमकुम तिलक के साथ चावल का भी प्रयोग करते है लेकिन क्या आप इसके पीछे का कारण जानते है. आज हम आपको बताएँगे कि आखिर क्यों तिलक के साथ माथे पर चावल लगाए जाते है.

तिलक के साथ चावल लगाने के 3 खास कारण 3 Fact Rice apply Forehead Tilak in Hindi –

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार जब हम अपने माथे पर दोनों भोंहों के बीच में तिलक लगाते हैं तो उसे अग्नि चक्र कहा जाता है. यही से हमारे पूरे शरीर में शक्ति और शीतलता का संचार होता है. अतः इस जगह टीका लगाने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. तिलक के साथ चावल लगाने का मुख्य कारण है कि शास्त्रों के अनुसार चावल को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है.

तिलक के साथ चावल लगाने का एक और कारण यह है कि जो भी नकारात्मक ऊर्जा हमारे आस – पास स्थित है वह पूर्ण रूप से  सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाए।

शास्त्रों के अनुसार, हवन में देवताओं को चढ़ाया जाने वाला सबसे शुद्ध अन्न चावल माना गया है. अतः तिलक के साथ चावल लगाने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा के साथ ही मानसिक शांति भी प्राप्त होती है.

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