संकट चौथ 2019 शुभ मुहूर्त व्रत कथा पूजा विधि Sankashti Chaturthi 2019

गणेश चतुर्थी तिल चौथ व्रत Sakat Chauth fast Puja Vidhi

संकट चौथ संकट चौथ शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि गणेश चतुर्थी कहलाती है सभी महिलाये इस दिन व्रत व गणेश जी का पूजन भी करती हैं। लेकिन अगर बात करे माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी की तो लोक प्रचलित भाषा में इसे संकट चौथ कहा जाता है। इस दिन किये जाने वाले संकट चौथ  का धार्मिक महत्व बहुत अधिक बताया गया है संकट चौथ को वक्रतुण्डी चतुर्थी , माही चौथ और  तिलकुटा चौथ आदि नामों से भी जाना जाता है. इस दिन गणेश जी के पूजन के साथ चन्द्रमा की पूजा करने का भी विधान है आज हम आपको 2019 संकट चौथ व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व्रत कथा और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.

संकट चौथ तिथि व शुभ मुहूर्त Sakat Chauth Til Chauth Shubh Muhurt

  1. साल 2019 में संकट चौथ या तिल चौथ का व्रत 24 जनवरी गुरुवार के दिन रखा जाएगा.
  2. चतुर्थी तिथि 23 जनवरी बुधवार के दिन रात्रि 11 बजकर 59 मिनट पर प्रारम्भ होगी.
  3. और 24 जनवरी गुरुवार के दिन रात्रि 8 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी.
  4. संकट चौथ चंद्र दर्शन का समय होगा 24 जनवरी गुरुवार के दिन रात्रि 8 बजकर 20 मिनट.

संकट चौथ व्रत की पूजा विधि  Sakat Chauth Tilkut Chauth Mahi Chauth Puja Vidhi

संकट चौथ व्रत में संकट हरण गणेश जी का पूजन किया जाता है. इस दिन बहुत सी महिलाये निर्जल व्रत करती हैं। प्रातः काल दैनिक कार्यो से निवृत होने के बाद स्नान कर व्रत का संकल्प लिया जाता है और गणेश जी के मंत्रो का जप किया जाता है. एक चौक पर मिट्टी से बनी गणेशजी की प्रतिमा को रखकर उनकी पूजा की जाती है। मंदिर में मंडप बनाकर और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर फूलों से भगवान गणेश का श्रृंगार करे. भगवान गणेश जी की पूजा करते समय दूर्वा या दूब अवश्य अर्पण करें और रात्रि चंद्रमा की पूजा के लिए भी कुछ दूर्वा रख ले. गणेश जी की प्रतिमा के समीप धूप, दीप जलाकर, तिल के बने लड्डू तथा मीठे आलू का भोग लगाया जाता है जिसे कई लोग नैवैद्य के नाम से भी जानते है. इसके बाद कथा, आरती कर गणेश जी से प्रार्थना करनी चाहिए.

चंद्र दर्शन पूजन विधि Sakat Chauth 2019 Chandroday Puja Vidhi

संकट चौथ या तिल चौथ के व्रत में रात्रि चंद्र दर्शन व पूजन का ख़ास महत्व माना जाता है चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को दूध और पानी से अर्घ्य देकर तिल और दूर्वा अर्पित करना चाहिए. चन्द्रमा की धूप दीप व आरती कर चंद्र देव से सभी की सुख समृद्धि की कामना करनी चाहिए. चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है. ऐसी मान्यता है की इसी दिन भगवान गणेश जी चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण करतें हैं। इसीलिए संकट चौथ के व्रत में रात में चंद्रमा के उदित होने के बाद उनकी पूजा कर उपवास पूरा किया जाता है.

संकट चौथ व्रत का महत्व Sakat Chauth2019 Vrat Important

पौराणिक कथाओ के अनुसार माघ माह में आने वाले संकट चौथ व्रत का बहुत अधिक महत्व है इस व्रत को स्त्रियां अपने संतान की दीर्घायु और सफलता की कामना के लिए रखती है. मान्यता है की इस व्रत के शुभ प्रभाव से संतान को दीर्घायु और रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है  साथ ही उनके जीवन में आने वाली सभी बाधायें गणेश जी दूर कर देते हैं।

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संकट चौथ व्रत कथा Sakat Chauth Vrat Katha

प्रचलित कथा के अनुसार एक बार विपदा में पड़े देवता भगवान शंकर के पास गए। भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रो से पूछा की तुममे से कौन ऐसा वीर है जो देवताओं का कष्ट निवारण कर सकता है. तब कार्तिकेय ने खुद को देवताओं का सेनापति प्रमाणित करते हुए देव रक्षा योग्य पद मिलने का अधिकारी सिद्ध किया। यह सुनकर भगवन शिव ने गणेश की इच्छा पूछी. गणेशजी ने विनम्र भाव से कहा-की यदि आपकी आज्ञा है तो मैं बिना सेनापति बने संकट दूर कर सकता हूं। तब महादेव ने दोनों को पृथ्वी की परिक्रमा करने को कहा और कहा जो सबसे पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा वही वीर घोषित किया जाएगा। यह सुनते ही कार्तिकेय अपने वाहन मोर पर चढ़कर पृथ्वी की परिक्रमा करने चल दिए। लेकिन गणेशजी ने एक युक्ति सोची और 7 बार अपने माता-पिता की परिक्रमा कर ली. वापस आने के बाद जब  कार्तिकेय गणेश जी पर हसने लगे तब उन्होंने कहा की माता-पिता में ही समस्त तीर्थ निहित हैं इसलिए मैंने आपकी 7 बार उनकी परिक्रमाएं की| गणेश की बात सुनकर सभी नतमस्तक हो गए तब शंकरजी ने गणेश जी की प्रशंसा की और आशीर्वाद दिया की तीनो लोको में प्रत्येक कार्य से पहले तुम्हारी ही पूजा होगी गणेशजी ने पिता की आज्ञानुसार जाकर देवताओं का संकट दूर किये। भगवान शिव के आशीर्वाद स्वरुप जो भी स्त्री-पुरुष इस दिन गणेश जी तथा चन्द्रमा का पूजन करता है उसे एश्वर्य, पुत्र,व सौभाग्य की प्राप्ति होती है साथ ही गणेश जी उसके सभी संकटों को दूर करते है.

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