वट पूर्णिमा व्रत पूजा विधि Vat Purnima Vrat Puja Vidhi
Vat Purnima Vrat 2024 Date शास्त्रों के अनुसार जिस तरह से उत्तर भारत में सुहागिनों द्वारा वट सावित्री व्रत का व्रत रखा जाता है, वैसे ही दक्षिण भारत में वट पूर्णिमा व्रत रखा जाता है. वट अमावस्या की तरह ही वट पूर्णिमा व्रत का भी खास महत्व है. यह व्रत सुहागिन महिलायें पति की लम्बी आयु, अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती है. यह व्रत ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को रखा जाता है. इस व्रत में भी वट वृक्ष की पूजा का विधान है. आइये जानते है साल 2024 में ज्येष्ठ शुक्ल वट पूर्णिमा व्रत की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके नियम क्या है|
वट पूर्णिमा व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Vat Purnima Shubh Muhurat 2024
- साल 2024 में वट पूर्णिमा व्रत 21 जून शुक्रवार को रखा जाएगा|
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी – 21 जून प्रातःकाल 07:31 मिनट पर|
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी- 22 जून प्रातःकाल 06:37 मिनट पर|
- पारण का शुभ मुहूर्त – 22 जून प्रातःकाल 05:24 मिनट के बाद|
वट पूर्णिमा पूजन विधि Vat Purnima Vrat Puja Vidhi
इस व्रत में वट वृक्ष की पूजा की जाती है प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले और वट वृक्ष की पूजा के लिए सभी पूजन सामग्री जैसे- फल-फूल, रोली, चंदन, अक्षत, धूप-दीप, सुहाग की सामग्री रख ले. सबसे पहले वट वृक्ष में जल चढ़ाये और सभी पूजन सामग्री उन्हें अर्पित करे. इसके बाद कच्चे सूत को पांच, सात या ग्यारह बार लपेटते हुए परिक्रमा करें. अब वट वृक्ष के नीचे सावित्री-सत्यवान की व्रत कथा पढ़ें या सुनें. अंत में सौभाग्य और दीर्घायु की कामना करें. पूजा के बाद सुहाग की सामग्री किसी सुहागिन महिला या सास को देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. व्रत के अगले दिन सात चने और पानी का सेवन कर व्रत का पारण करें.
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वट पूर्णिमा व्रत के नियम Vat Purnima Niyam
- शास्त्रों के अनुसार वट पूर्णिमा व्रत के दिन स्नान के बाद 16 श्रृंगार करने चाहिए.
- व्रत के दौरान घर का वातावरण शुद्ध व शांत रखना चाहिए.
- इस दिन महिलाओं को काले रंग के कपड़े, काली, नीली और सफेद रंग की चूड़ियां पहनने से बचना चाहिए.
- पौराणिक कथाओ के अनुसार व्रत का पारण या व्रत खोलने की विधि बरगद के वृक्ष का कोपल खाकर ही करना चाहिए.
- वट पूर्णिमा व्रत के दिन मन में नकारात्मक विचार न आने दे.
- इस दिन तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए.
- व्रत वाले दिन वट वृक्ष का पूजन कर व्रत कथा सुननी चाहिए.
- आज के दिन वट वृक्ष की पूजा के बाद वृक्ष पर कच्चा सूत बांधकर परिक्रमा जरूर करनी चाहिए,
- व्रत के दिन वट वृक्ष की टहनी या पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए पूजा के लिए एक दिन पूर्व ही यह काम करना शुभ होता है.