पापाकुंशा एकादशी व्रत पूजन विधि Papakunsha Ekadashi Vrt Tithi 2018
शास्त्रों के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पापाकुंशा एकादशी व्रत के नाम से जाना जाता है. मान्यता है की यह एकादशी मनोवांछित फल देने वाली होती है. इस एकादशी के दिन श्री विष्णु भगवान जी की पूजा की जाती है. साल 2018 में एकादशी का यह व्रत 20 अक्तूबर 2018 को को है. आज हम आपको पापाकुंशा एकादशी के शुभ मुहूर्त व संपूर्ण पूजा विधि के बारे में बताएँगे.
पापाकुंशा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त Papakunsha Ekadashi Vrat Tithi Muhurt
- एकादशी व्रत 20 अक्टूबर शनिवार के दिन रखा जाएगा.
- एकदाशी तिथि 19 अक्टूबर शुक्रवार के दिन 5 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी.
- एकदशी तिथि 20 अक्टूबर शनिवार के दिन 8 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी.
- व्रत के पारण का शुभ समय 21 अक्टूबर रविवार के दिन 6 बजकर 29 मिनट से 8 बजकर 44 मिनट तक का होगा.
पापाकुंशा एकादशी व्रत पूजन विधि Papankusha Ekadashi Vrat Pujan Vidhi
एकादशी के व्रत में श्री विष्णु जी का पूजन किया जाता है व्रत के दिन प्रातः काल स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प लेने के बाद घट स्थापना की जाती है और उसपर श्री विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है स्थापना के बाद भगवान विष्णु जी का स्मरण कर व्रत शुरू करना चाहिए. पूजा में प्रयोग की जाने वाली सभी चीजों को भगवान् को अर्पित कर व्रत कथा पढ़नी और सुननी चाहिए. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी बेहद लाभकारी होता है. व्रत के बाद अगले दिन यानी की द्वादशी तिथि के दिन ब्राह्माणों को अन्न व दान, दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना शुभ माना गया है.
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पापांकुशा एकादशी का महत्व Papankusha Ekadashi Importance In Hindi
कहते है की पापाकुंशा एकादशी व्रत हजार अश्वमेघ और सौ सूर्ययज्ञ करने के समान फल प्रदान देने वाला व्रत है. इस व्रत का शास्त्रों में बहुत अधिक महत्व बताया गया है. जो भी लोग इस व्रत में रात्रि जागरण करते है उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन उपवास रखने से और दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. ये व्रत सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला बताया गया है.