घर की इस दिशा में रखे मन्दिर होगी तरक्की Vastu tips for Home Temple
सभी लोगो के घरो में मन्दिर होता है. चाहे घर छोटा हो या बड़ा, अपना हो या किराए का. हिन्दू धर्म को आस्था पर केन्द्रित माना जाता है. आज हम आपको बताएंगे की मन्दिर की सही दिशा वास्तु के अनुसार कौन सी होती है. जिससे घर में सुख-सम्रद्धि बनी रहती है.
मन्दिर को रसोई के बगल में ना बनवाये
मंदिर के सामने, ऊपर, नीचे या बगल में रसोई नहीं बनानी चाहिए इससे माँ लक्ष्मी अप्रशन्न हो जाती हैं तथा घर में शांति की कमी भी हो सकती है.
सीढ़ियों के नीचे मन्दिर ना बनवाये
वास्तु के अनुसार मन्दिर को सीढ़ियों के नीचे भी नहीं बनाना चाहिए क्योकि सीढ़ियों से सभी लोग ऊपर नीचे जाते हैं जिसके कारण हमारे पैर मन्दिर की तरफ लगते हैं ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता इसलिए कभी भी सीढ़ियों के नीचे मन्दिर ना बनवाये.
शयनकक्ष या बेडरूम में मंदिर नहीं होना चाहिए
वास्तु बताता है कि मंदिर कभी भी शयनकक्ष या बेडरूम में नहीं बनाना चाहिए. यदि घर किसी कारण वश शयनकक्ष या बेडरूम में मंदिर बनाना भी पड़े तो मंदिर पर पर्दा जरूर रखें. रात्रि समय में मंदिर पर पर्दा कर देना चाहिए.
बाथरूम के बगल में या ऊपर नीचे मन्दिर ना बनवाये
वास्तु के अनुसार मन्दिर को बाथरूम के बगल में या ऊपर नीचे भी नही बनवाना चाहिए. यह घर की खुशहाली और समृधि के लिए उत्तम नहीं माना जाता है.
बेसमेंट में मन्दिर ना बनवाये
कहा जाता है की बेसमेंट में मन्दिर नही बनावाना चाहिए. यह शुभ नहीं माना जाता क्योकि इससे घर में बेवजह का क्लेश होता है तथा घर की शांति में बाधा आ सकती है.
हमेशा उत्तर-पूर्वी दिशा में ही मन्दिर बनवाये
घर में मंदिर बनाते समय हमेशा उत्तर-पूर्वी दिशा सबसे उपयुक्त मानी गयी है. पूजा घर को ईशान दिशा में बनवाने से घर में ज्ञान की वृद्धि तथा आत्मा की शुद्धि होती है तथा सुख-समृद्धि व शान्ति की वृद्धि होती है.