गणेश चतुर्थी पूजा विधि Ganesha Chaturthi Festivals Tips
यह तो आप सभी लोग ही जानते होंगे कि भगवान गणपति जी का जन्म मध्यकाल में हुआ था इसलिए इनकी स्थापना इसी काल में की जाती है। इस बार गणेश चतुर्थी वाले दिन शुभ और मंगलमयी संयोग बन रहे हैं।
इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 25 अगस्त से शुरू होकर 5 सितंबर तक चलेगा। गणेशोत्सव पर हम सभी लोग अपने घरो में श्री गणेश की स्थापना करते है। आज हम आपको उन सभी बातों के बारे में बताएँगे जिन्हे भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करते समय जरूर ध्यान रखनी चाहिए.
बाईं ओर सूंड गणेश चतुर्थी –
ध्यान रखें कि आप जिस भी मूर्ति को घर में स्थापित कर रहे है, उसकी सूंड बाईं ओर होनी चाहिए, जो उनकी मां गौरी के प्रति उनका प्यार दर्शाती है।
हममे से ही कई लोग मां गौरी और भगवान गणेश जी को एक साथ पूजते हैं। इसलिए घर में स्थापित की जाने वाली भगवान गणेश जी की मूर्ति की सूंड की दिशा की ओर जरूर ध्यान दें।
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दक्षिण दिशा वर्जित –
ध्यान रखें कि भगवान गणेश जी की मूर्ति को कभी भी घर में दक्षिण दिशा की ओर न स्थापित करें। भगवान को पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर स्थापित करें. यहां तक कि आपका पूजा करने का स्थान भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। साथ ही भगवान गणेश जी को को कभी भी उस दीवार पर स्थापित न करें जो वाशरूम की दीवार से जुड़ी हुई हों।
चांदी के गणेश –
कई लोग अपने घरो में चांदी के भगवान गणेश स्थापित करते हैं। यदि आपके भगवान गणेश चांदी के हैं, तो इन्हे आप उत्तर पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थापित करें।
उत्तर- पूर्व –
कोशिश करें कि घर में जो उत्तर – पूर्व कोना है, उसमें भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें. उत्तर – पूर्व दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करना काफी शुभ होता है.
और यदि आपके घर में इस दिशा का कोना न हों तो आप पूर्व या पश्चिम दिशा में ही स्थापित करें।
सीढ़ियों के नीचे –
यदि आप ड्यूप्लेक्स या फिर बंगले में रहते हैं तो ध्यान रखें कि कभी भी सीढ़ियों के नीचे भगवान की मूर्ति स्थापित न करें, क्योंकि हम पूरे दिन सीढ़ियों से ऊपर नीचे आते-जाते रहते हैं और धर्म के अनुसार, ऐसी जगह में भगवान की मूर्ति स्थापित करना ईश्वर का अपमान है। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से घर में दुर्भाग्य आता है।