अमावस्या क्या करे क्या न करे Amavasya Niyam 2025
Ashadh Amavasya 2025 Date हिन्दू धर्म में अमावस्या का खास महत्व माना गया है. हर महीने में 1 अमावस्या होती है, यानी साल में कुल 12 अमावस्या आती है अमावस्या के दिन भोलेनाथ, भगवन विष्णु और शनि पूजा करना शुभ माना जाता है. पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या कहते है. इस दिन पितरों की पूजा करने का विधान है. इस दिन तर्पण, स्नान, दान, श्राद्ध कर्म किये जाते हैं. आइये जानते है साल 2025 में आषाढ़ अमावस्या कब है, पूजा व स्नान-दान का शुभ समय, पूजा विधि और इस दिन क्या करे क्या ना करे|
आषाढ़ अमावस्या शुभ मुहूर्त 2025 Ashadh Amavasya 2025 Date
- साल 2025 में आषाढ़ अमावस्या व्रत 25 जून को रखा जायेगा |
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 24 जून सायंकाल 06:59 मिनट |
- अमावस्या तिथि समाप्त – 25 जून सायंकाल 04:00 बजे|
- ब्रह्म मुहूर्त – प्रातःकाल 04:05 मिनट से प्रातःकाल 04:45 मिनट|
- गोधूलि मुहूर्त – सायंकाल 07:21 मिनट से सायंकाल 07:42 मिनट|
आषाढ़ अमावस्या विधि Ashadh Amavasya Pooja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ अमावस्या के दिन प्रातःकाल गंगाजल मिले जल से स्नान करें। स्नान के बाद सूर्य देवता को जल अर्पित करें। इसके बाद दक्षिण दिशा में मुख करके पितरों को जल अर्पित करे. इसके बाद विधिवत भगवान् विष्णु की पूजा कर उन्हें पूजन सामग्री चढ़ाये और विष्णु चालीसा का पाठ करें। आज के दिन पीपल के पेड़ को जल चढ़ाकर दीपक जलाये इससे पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है. अमावस्या के दिन शनिदेव की आराधना करना शुभ होता है.
आषाढ़ अमावस्या क्या करे क्या ना करे Ashadh Amavasya 2025
- शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या के दिन माता काली की पूजा कर उन्हें सिन्दूर अर्पित करना शुभ होता है.
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोज, स्नान, दान करना चाहिए.
- अमावस्या के दिन तुलसी, पीपल, और बिल्वपत्र नहीं तोड़ने चाहिए.
- अमावस्या के दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करे.
- अमावस्या के दिन तुलसी और पीपल में जल देना शुभ होता है.
- इस तिथि पर बाल या नाखून नहीं काटने चाहिए.