शारदीय नवरात्रि विसर्जन 2022 | Navratri Visarjan Date 2022  

नवरात्रि माता की चौकी कब हटाए 2022 Navratri Mata Ki Chauki Kab Hataye

Navratri Visarjan

Navratri Visarjan शास्त्रों में नवरात्रि का विशेष महत्व है नवरात्रि के नौ दिनो तक माँ के भक्त व्रत उपवास करते है और अपने घरो में अखंड जोत, कलश स्थापना व माता की चौकी का आयोजन करते है. नवरात्रो में विधिवत माँ की आराधना से भक्तो की सभी मनोकामाये पूरी होती है आज हम आपको साल 2022 शारदीय नवरात्री व्रत का पारण कब करे, कलश विसर्जन विधि, कलश की सामग्री और जल का क्या करे, माता की चौकी कब हटाए, अखंड जोत का क्या करे इन सभी बातो के बारे में बताएँगे.

नवरात्री व्रत का पारण कब करे Navratri Paran

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि व्रत का पारण नवमी तिथि के समापन और दशमी तिथि के प्रारंभ में श्रेष्ठ माना जाता है। हालांकि कुछ लोग अष्टमी पूजने के बाद व्रत का पारण करते हैं, वहीं कुछ लोग नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा कर कन्या पूजन और हवन करने के बाद व्रत का पारण कर लेते हैं। मान्यता है तीनो ही दिन नवरात्रि व्रत का पारण किया जा सकता है.

कलश विसर्जन विधि Kalash Visarjan Vidhi

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि व्रत का पारण और कन्या पूजन करने के बाद लोग अपने घरो में स्थापित कलश का विसर्जन करते है कलश विसर्जन करते समय सबसे पहले ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का जाप करते हुए कलश को पूजास्थल से हटाए. कलश के नारियल को किसी चौकी के उपपर रख दे और कलश में डले आम के पत्तों से कलश के जल को अपने घर के चारों कोनों पर छिड़किए। बाकी बचे कलश के जल को तुलसी के गमले में अर्पण कर दें। कलश में डेल सिक्के को अपने धन रखने के स्थान पर रख दे इससे सुख समृद्धि बढ़ती है.

माता की चौकी कब हटाए Navratri Paran, Mata Ki Chauki Kab Hataye

ऐसी मान्यता है की व्रत के पारण के बाद ही कोई भी व्रत को पूर्ण होता है. जिन लोगो ने घरो में माता की चौकी का आयोजन किया है उन्हें नवरात्रि पूरे होने के बाद ही माता की चौकी को हटाना चाहिए नवरात्रि का पर्व पूरे नौ दिनों का होता है इसीलिए नवरात्रि में माता की चौकी, बोये हुए जवारे व अन्य विसर्जन का सामान नौ दिन पूरे होने के बाद दशमी तिथि को हटाना चाहिए.

कलश के चावल का क्या करे Navratri Kalash Ke Chawal Nariyal ka Kya Kare

Navratri Visarjan नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के समय जो रंगे हुए चावलों से आप अष्टदाल कमल बनाते है उन चावलों को नदी तालाब में विसर्जित या फिर या फिर घर के पेड़-पौधे और क्यारियों में भी डालना चाहिए. ध्यान रखे की पूजा के इन चावलों को इधर उधर ना फेंके.

अखंड जोत का क्या करे Navratri Akhand Jyoti

शास्त्रों में अखंड जोत जलाने के नियम बहुत कठिन होते है. जो भी लोग नवरात्रि में घर पर अखंड दीपक जलाते है उन्हें 9 दिनों तक दीपक का ख़ास ख्याल रखना चाहिए बहुत से लोगो के मन में ये संका होती है की पूजन के बाद अखंड जोत का क्या करे. ऐसे में नवरात्रि पूरी होने के बाद अखंड जोत को बुझाये नहीं बल्कि हो सके तो इसे एक दोने में रखकर किसी तालाब या नदी में प्रवाहित कर दे या फिर आप इसे घर पर ऐसे ही जली रहने दे. 

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