मिर्गी (अपस्मार) कारण और उपचार Epilepsy Causes and Treatments

मिर्गी रोग कारण, लक्षण और सरल नुस्खे आसान उपचार

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में लोग अनेक रोगों का शिकार होते जा रहे हैं. इनमे से एक रोग मिर्गी भी है. यदि किसी व्यक्ति को मिर्गी के रोग के दौरे पड़ते हैं तो रोगी के शरीर में खिंचाव होने लगता है और रोगों के हाथ तथा पैरो में अकड़न होने लगती है.

जिसके बाद रोगों बिहोश होकर जमीन में गिर जाता है. कभी-कभी तो रोगी के हाथ तथा पैर मुड़ जाते हैं, गर्दन टेढ़ी हो जाती है. मिर्गी एक ऐसा रोग है जो मस्तिष्क से जुड़ा होता है. यह एक बहुत बड़ी समस्या है. इस रोग को दूर करने के लिए कुछ घरेलु आसान उपाय हैं जिनका उपयोग हम आसानी से कर सकते हैं.

मिर्गी रोग का प्रमुख लक्षण

  • मिर्गी का दौरा आने पर रोगों के शरीर में झटके लगते हैं तथा शरीर अकड़ने लगता है.
  • मिर्गी में रोगी व्यक्ति की आँखे ऊपर की ओर उलटने लगती हैं.
  • रोगों का खुद के शरीर पर नियंत्रण नहीं रहता. जिसके कारण वह अनियंत्रित शारीरिक गतिविधियाँ करता हैं.
  • मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति अपने होंठों को तथा जीभ को काटने लगता हैं.
  • अनेक बार मिर्गी के दौरे आने पर व्यक्ति एक जगह अपनी निगाहों को केन्द्रित कर देखता रहता हैं.

मिर्गी रोग के प्रमुख कारण

गलत खान-पान – मिर्गी रोग होने का प्रमुख कारण गलत खान-पान भी है. कई बार हम ग़लत खान-पान का सेवन कर लेते हैं. जिसके कारण हमारे शरीर में विषैले पदार्थ जमा होने लगते हैं, मस्तिष्क के कोषों पर दबाब बनना शुरू हो जाता है जिसके कारण मिर्गी रोग हो जाता है.

पेट के कीड़े – कई बार हमारे पेट तथा आंतो में कीड़े हो जाते हैं. अगर इनका सही समय पर इलाज ना कराया जाये तो इसके कारण मिर्गी होने की सम्भावना भी हो सकती है.

कब्ज की समस्या – अनेक लोगो को पेट से जुडी समस्याएं होती हैं. जिनमे से एक कब्ज भी है. कई बार कब्ज होने के कारण भी मिर्गी रोग हो जाता है.

सिर में चोट लगने के कारण – कभी हमारे सिर में तेज को लग जाने के कारण भी मिर्गी का रोग हो सकता है.

मिर्गी रोग के सरल घरेलु उपचार

निम्बू और हिंग

एक निम्बू लें और उसे दो भागो में काट लें. अब इसमें थोड़ा सा हींग पाउडर मिला लें. अब इन निम्बू के कटे हुए टुकड़ो में से इसके रस को आराम से चूसें. इससे जल्दी आराम मिलेगा.

बिजौरा निम्बू का रस तथा निर्गुण्डी का रस

एक बिजौरा निम्बू लें तथा कुछ पत्तियां निर्गुण्डी के पौधे की लें और इन्हे पीस लें. अब बिजौरा निम्बू को काटकर उसका रस एक बाउल में निकाल दें. इसके बाद निर्गुण्डी की पीसी हुयी पत्तियों का रस बिजौरा निम्बू के रस में मिला दें. इसके बाद इस रस की कुछ बूंदों को नाक में डाले तथा इस प्रयोग करीब 4 दिन तक जरूर करे. इससे मिर्गी रोग की रोकथाम में राहत मिलेगी.

प्याज का सेवन

कुछ प्याज को पीस कर इसका रस निकाल लें. अब इस रस को साफ़ पानी में डालें. रोजाना सुबह उठने के बाद इस पानी को पिए. इससे मिर्गी रोग धीरे-धीरे कम होने लगेगा.

लहसुन का प्रयोग

थोड़ा लहसुन लें और इसके छिलकों को हटा लें. अब इस लहसुन को अच्छी तरह से पीस लें. अब इस पीसी हुयी लहसुन को बेहोश व्यक्ति को सुंघाए. इसे सूंघने के कुछ मिंट बाद ही मिर्गी के रोगों को होश आने लगता है.

फलों, सब्जियों और अंकुरित अन्न का सेवन

मिर्गी का रोग होने पर व्यक्ति को करीब 2 महीने तक फलों, सब्जियों और अंकुरित अन्न का सेवन करना चाहिए. इससे शरीर को पोषण मिलता है तथा मिर्गी की समस्या से भी छुटकारा मिलता है.

मुंह में रूमाल लगाए

जब भी किसी रोगी व्यक्ति को मिर्गी रोग का दौरा पड़े तो दौरे के समय रोगी के मुंह में रूमाल रख देना चाहिए जिससे रोगी की जीभ ना कटे. इसके बाद रोगी के चेहरे पर पानी के छींटे मारे तथा उसके अंगूठे के नाखून को दबाए. जिससे रोगी की बेहोशी दूर होने लगती है.

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