घर का मंदिर पूजाघर के वास्तु टिप्स Vastu tips for temple at home

वास्‍तु शास्‍त्र के अनुसार पूजा कक्ष बनाने के उपाय (According to Vastu Shastra puja room to make way)

वास्‍तु शास्‍त्र के अनुसार पूजा कक्ष बनाने के उपाय upcharnuskheहिन्दू धर्म को आस्था पर केन्द्रित माना जाता है. हर हिन्दू व्यक्ति के घर में मंदिर जरूर होता है. भागदौड़ से भरे इस तनावपूर्ण जीवन में पूजा घर बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. हर व्यक्त‌ि चाहता है की उसके घर में सुख शांति हो तथा सुख-शांत‌ि और समृद्ध‌ि के ल‌िए घर में भगवान की मूर्त‌ियां लाकर रखते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं.

वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व होता है. जिससे लोग अपनी जीवन को लाभदायक बनाने का प्रयास करते रहतें हैं. लेकिन घर बनवाते समय घर का मंदिर या पूजा-पाठ के लिए स्थान बनवाते समय अज्ञान के अभाव में कई बार लोगों से अनेक प्रकार की गलतियां हो जाती हैं.  जिसके कारण प्राणियों के जीवन चक्र में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. आइये जानते हैं घर के मंदिर के निमार्ण के लिए कुछ वास्तु टिप्स.

  • घर में मंदिर बनाते समय हमेशा उत्तर-पूर्वी दिशा सबसे उपयुक्त मानी गयी है. पूजा घर को ईशान दिशा में बनवाने से घर में ज्ञान की वृद्धि तथा आत्मा की शुद्धि होती है तथा सुख-समृद्धि व शान्ति की वृद्धि होती है.
  • मंदिर के सामने, ऊपर, नीचे या बगल में रसोई नहीं बनानी चाहिए और अगर आपका मंदिर बैडरूम में है तो मंदिर की तरफ पैर कर के नहीं सोना चहिये.
  • पूजा घर के लिए हल्के रंगो को शुभ माना जाता है. आप इसके लिए दीवारों पर हल्का पीला रंग करा सकते हैं.
  • वास्‍तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर तिकोने आकार का हो तो शुभ माना जाता है तथा पूजा घर की छत भी तिकोनी होनी चाहिये इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है.
  • जब भी आप घर में भगवान की मूर्ति रखे तो मूर्तियों को करीब 1 इंच की दुरी पर रखें. मूर्ति पूर्व या उत्तर दिशा की ओर दीवार के पास रखनी चाहिए. मूर्तियों को एक दूसरे के सामने ना रखें.
  • पूजा घर को सजाने के लिये सबसे अच्छा तांबे के बर्तन को माना जाता है इसलिए मंदिर को सजाने के लिए हमेशा ताम्बे के बर्तन का प्रयोग करें तथा दिया हमेशा भगवान की मूर्ति के सामने ही जलाना चाहिये.
  • मंदिर में कभी भी भगवान की मूर्ति के साथ पितरो की मूर्ति ना रखें. अपने पूजा घर को हमेशा साफ़ रखें तथा पूजा घर में कभी सोना नहीं चाहिए.
  • पूजा घर में दिया रखने की जगह, हवन कुंड या यज्ञवेदी दक्षिण- पूर्व दिशा की तरफ होनी चाहिए.
  • मंदिर में कभी भी खंडित मूर्ति या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए. इसके अलावा मूर्ति का आकर अधिक बड़ा नहीं होना चहिये.
  • घर के अंदर शिवलिंग रखना वर्जित माना जाता है. क्योंक‌ि श‌िवल‌िंग शून्य और वैराग्य का प्रतीक है. लेकिन आप अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति को स्थापित के सकते हैं.
  • पूजा घर में कभी भी झाड़ू तथा चप्पले नहीं रखनी चाहिए तथा मंदिर को हमेशा साफ़ स्वस्छ रखना चाहिए.
  • घर के मंदिर में कभी भी स्थिर प्रतिमा नहीं लगानी चहिये. यह घर गृहस्थी के लिए उचित नहीं माना जाता. कागज की तस्वीरें या छोटी मुर्तिया लगा सकते हैं.
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