माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और लाभ How to worship second day of navratri
नवरात्री के दूसरे दिन माँ दुर्गा के दूसरे रूप यानी माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा सभी भक्त पुरे विधि-विधान से करते हैं. इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है।
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा यदि मन से की जाय तो माँ ब्रह्मचारिणी अपने भक्तो को अनन्तफल प्रदान करती हैं. इनकी पूजा करने से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता। इसके अलावा माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है।
माँ दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन मी माँ दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करने के लिए सबसे पहले माता को फूल, अक्षत, रोली, चंदन, से पूजा करें तथा उन्हें दूध, दही, शर्करा, घृत, व मधु से स्नान करायें व देवी को प्रसाद अर्पित करें. प्रसाद के पश्चात आचमन और फिर पान, सुपारी भेंट कर इनकी प्रदक्षिणा करें. कलश देवता की पूजा के पश्चात इसी प्रकार नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता, की पूजा करें और मन्त्र का जाप करें.
इधाना कदपद्माभ्याममक्षमालाक कमण्डलु
देवी प्रसिदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्त्मा
इसके बड़ा माँ को पंचामृत स्नान करायें और फिर भांति भांति से फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें देवी को अरूहूल का फूल व कमल बेहद प्रिय होते हैं अत: इन फूलों की माला पहनायें, घी व कपूर मिलाकर देवी की आरती करें.