शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त 2025 Sheetla Ashtami Shubh Muhurat 2025
Sheetla Ashtami 2025 Date Time शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास में होली के बाद आने वाली अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी और बसोड़ा कहते है इस दिन शीतला माता की पूजा कर उन्हें बासी भोजन का भोग लगाया जाता है. आमतौर पर इसे होली के आठवें दिन मनाने का विधान है. शास्त्रों के अनुसार सभी व्रतों में यह एकमात्र ऐसा व्रत है जिसमें बासी भोजन का भोग लगाया जाता है और प्रसाद के रूप में भी बासी भोजन ही ग्रहण किया जाता है। मान्यता है की शीतला माता की पूजा से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है. आइये जानते है साल 2025 में शीतला अष्टमी व्रत तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस व्रत से जुड़े नियम क्या है|
शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त 2025 Sheetla Ashtami Vrat 2025
- साल 2025 में शीतला अष्टमी का व्रत 22 मार्च शनिवार को रखा जायेगा|
- अष्टमी तिथि शुरू – 22 मार्च प्रातःकाल 04:23 मिनट|
- अष्टमी तिथि समाप्त – 23 मार्च प्रातःकाल 05:23 मिनट|
- पूजा का शुभ मुहूर्त – प्रातःकाल 06:16 मिनट से सायंकाल 06:26 मिनट|
शीतला अष्टमी पूजा विधि Sheetla Ashtami Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार शीतला अष्टमी के दिन प्रातः शीतल जल से स्नान कर शीतला माता की पूजा करनी चाहिए. शीतला माता की पूजा में सप्तमी यानि एक दिन पूर्व बनाए भोजन का भोग लगाया जाता है पूजा में सप्तमी को बनाया हुआ भोग व काजल, रोली, चावल, मौली, हल्दी, 1 लोटे में शीतल जल रखकर शीतला माता को अर्पित करे. इस जल को माँ को चढ़कर बचे हुए जल को घर के सभी कोनो में छिड़के. इस दिन भोग के लिए सप्तमी तिथि को मीठा भात, खाजा, चूरमा, नमक पारे, बेसन की पकौड़ी और हलवा पूड़ी का भोग बनाने की मान्यता है.
शीतला माता को क्यों लगता है बासी भोग Sheetla Ashtami Important Things
पुराणों के अनुसार इस दिन शीतला माता को बासी भोग इसीलिए लगाया जाता है क्योंकि इसके बाद गर्मी का मौसम शुरू हो जाता और गर्मियों में ताजे भोजन की सलाह दी जाती है इस तरह इस मौसम में बासी भोजन करने का ये आखिरी दिन माना जाता है. इसके अलावा शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि शीतला माता को ठंडी चीजें बहुत अधिक प्रिय हैं माँ को समर्पित भोजन पूरी तरह शीतल रहे, इसलिए उसे रात में ही बनाकर रख लिया जाता है।
शीतला अष्टमी नियम Sheetla Ashtami Niyam
- शास्त्रों के अनुसार इस दिन प्याज व लहसुन का प्रयोग न करते हुए सात्विक भोजन बनाना चाहिए.
- इस दिन शीतल यानि ठन्डे जल से स्नान करना चाहिए.
- मान्यता है आज के दिन शीतला माता को ठन्डे व बासी भोजन का भोग ही लगाना चाहिए.
- इस दिन घर में झाड़ू लगाना वर्जित माना जाता है.
- इस दिन किसी भी मंदिर में सूप और झाड़ू का दान करना शुभ होता है.