शरद पूर्णिमा पूजा विधि Sharad Purnima Puja Vidhi
Sharad Purnima 2022 Date Timeप्रत्येक मास में आने वाली पूर्णिमा ख़ास होती है लेकिन आश्विन मास की पूर्णिमा साल की सभी पूर्णिमा तिथियों में सर्वोत्तम मानी गयी है इसे शरद पूर्णिमा, राज पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिष अनुसार साल में सिर्फ शरद पूर्णिमा के ही दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. कहते है की इस दिन आसमान से अमृत वर्षा होती है. इस दिन भगवान विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता है ऐसी मान्यता है की शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी पृत्वी भ्रमण के लिए निकलती है. इस दिव दिन चावल की खीर बनाकर चंद्रमा की रौशनी में रखने की परंपरा है. आज हम आपको शरद पूर्णिमा 2022 सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न किये जाने वाले उपाय के बारे में बताएँगे.
शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2022 Sharad Purnima 2022 Shubh Muhurat
- साल 2022 में शरद पूर्णिमा का व्रत 9 अक्टूबर रविवार को है |
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी – 9 अक्टूबर प्रातःकाल 03:41 मिनट पर|
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 10 अक्टूबर रात 02:24 मिनट पर|
- शरद पूर्णिमा के दिन चद्रोदय का समय होगा- 9 अक्टूबर 5:51 मिनट पर|
शरद पूर्णिमा पूजा विधि Sharad Purnima puja vidhi
शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प करे. सबसे पहले पूजास्थल पर माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराकर स्थापित करें। प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाकर उन्हें तिलक करे और सभी पूजन सामग्री जैसे अक्षत, फल-फूल, तुलसी दल अर्पित करे इसके बाद सफेद या पीले रंग की मिठाई और चावल की खीर का भोग लगाएं। पूजा में लक्ष्मी विष्णु मंत्रो का जाप कर भगवान सत्यनारायण जी की व्रत कथा सुने. शाम के समय चंद्रमा निकलने पर चाँद की पूजा करे और भोग वाली खीर को छलनी से ढककर चंद्रमा की रोशनी में रखे. अगली सुबह स्नान कर उस खीर को मां लक्ष्मी को अर्पित करें और पूजा के बाद प्रसाद स्वरुप स्वयं भी ग्रहण करे और घर-परिवार के सदस्यों में भी बांटे. माना जाता है की इससे उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2022.
शरद पूर्णिमा उपाय Sharad Purnima upay
Sharad Purnima 2022 Date Time ज्योतिषानुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा पृथ्वी के बहुत नजदीक होता है. जिसकी वजह से चंद्रमा से नकलने वाली किरणे सीधे धरती पर गिरती हैं. जिस कारण पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निलकलने वाली किरणों में पोषक तत्व होते हैं. ऐसे में चाँद की रौशनी में राखी इस खीर के सेवन से कई बीमारिया दूर होती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. पूर्णिमा तिथि पर माँ लक्ष्मी पृत्वी पर भरमान आरती है ऐसे में आज के दिन माँ को प्रसन्न करना आसान माना जाता है आइये जानते है इस दिन किये जानें वाले उपाय कौन कौन से है.
- शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को चांद निकलने के बाद मां लक्ष्मी के समाने घी का एक दीपक जलाएं और माँ लक्ष्मी को गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें.
- आज के दिन चाँद की रौशनी में खीर का प्रसाद बनाकर रखे और अगली सुबह इस प्रसाद को ग्रहण करे इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है.
- इस दिन पूजा के समय मां लक्ष्मी को चावल की खीर और सफेद मिठाई का भोग लगाकर सुगंधित इत्र अर्पित करें और फिर स्फटिक की माला से मां लक्ष्मी जी के महामंत्र-“ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महलक्ष्मये नमः” का कम से कम 108 बार जाप करें. इस उपाय से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
- मान्यता है की शरद पूर्णिमा की रात हनुमान जी के सामने चौमुखा दीपक जलाने से धनलाभ होता है.
- शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित कर शाम के समय तुलसी के सामने घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
- शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी को सुपारी अर्पित करने से वे प्रसन्न होती है. शरद पूर्णिमा के दिन सुबह माता की पूजा में सुपारी रखकर माँ की पूजा करे पूजा के बाद सुपारी पर लाल धागा लपेट कर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि से पूजन कर इसे तिजोरी में रख दे इससे धन धान्य में वृद्धि होती है.