पुत्रदा एकादशी पूजा विधि Sawan Putrada Ekadashi Puja Vidhi 2024
Sawan Putrada Ekadashi 2024 Date पुत्रदा एकादशी के दिन संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखने की परंपरा है पंचांग के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत साल में 2 बार रखा जाता है. पौष और श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को| शास्त्रों में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर विधि विधान से भगवान् श्री कृष्णा के बाल स्वरुप का पूजन करने पर संतान सुख की प्राप्ति होती है. आइये जानते है साल 2024 में सावन पुत्रदा एकादशी व्रत की सही तिथि, पूजा व पारण मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|
सावन पुत्रदा एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2024 Sawan Putrada Ekadashi Date Time 2024
- साल 2024 में सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त शुक्रवार को रखा जायेगा|
- एकादशी तिथि प्रारम्भ – 15 अगस्त प्रातःकाल 10:26 मिनट |
- एकादशी तिथि समाप्त – 16 अगस्त प्रातःकाल 09:39 मिनट पर|
- पारण का शुभ मुहूर्त – 17 अगस्त प्रातःकाल 06:10 मिनट से प्रातःकाल 08:05 मिनट तक|
- पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 07.29 मिनट से सुबह 09.08 मिनट|
- पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – प्रातःकाल 08:05 मिनट|
पुत्रदा एकादशी पूजा विधि Paush Putrada Ekadashi Vrat puja Vidhi
सावन पुत्रदा एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. भगवान विष्णु, माँ लक्ष्मी और श्री कृष्ण के बाल स्वरुप की प्रतिमा पूजास्थल पर स्थापित कर घी का दीपक जलाएं. पूजा में तुलसी, फल-फूल और तिल का प्रयोग करें. इस व्रत को निर्जल व निराहार रहकर करना चाहिए और शाम को पूजा के बाद फल ग्रहण करने चाहिए। इस दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ और व्रत कथा का श्रवण करे. द्वादशी के दिन पुनः भगवान विष्णु की पूजा कर व्रत का पारण करे.
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पुत्रदा एकादशी उपाय Putrada Ekadashi Upay
- धन की प्राप्ति के लिए पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद सच्चे मन से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी पूजा-अर्चना करें। अब लाल कपड़े में 5 कौड़ियां बांधकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। पूजा के बाद इसे धनस्थान या तिजोरी में रख दें इससे धन लाभ के योग बनते हैं।
- मान्यताओं के अनुसार पुत्रदा एकादशी के दिन जरूरतमंद को पीला कपड़ा दान करने से संतान को सफलता की प्राप्ति होती है.
- इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप का पूजन करने के बाद गोपाल संतान स्रोत का पाठ करने से संतान समबन्धी सभी मनोकामना पूरी होती है.