प्रदोष व्रत पूजा विधि 2024 Pradosh Vrat Puja Vidhi
Pradosh Vrat 2024 Date Time पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान् शिव को समर्पित है. शिव पुराण के अनुसार इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानि की शाम के समय करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है वैसे तो साल के सभी प्रदोष व्रत महत्वपूर्ण होते है लेकिन सावन भगवान शिव का प्रिय माह है इसीलिए इस माह में आने वाले प्रदोष विशेष माने जाते है. आइये जानते है सावन माह के अंतिम प्रदोष व्रत की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, शिव पंचाक्षरी मंत्र और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय क्या है|
प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat Date
- साल 2024 सावन का आखिरी प्रदोष व्रत 17, अगस्त शनिवार को रखा जाएगा.
- प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त होगा- 17, अगस्त सायंकाल 06:33 मिनट से लेकर 08:52 मिनट तक|
- त्रयोदशी तिथि आरम्भ होगी – 17, अगस्त प्रातःकाल 08:05 मिनट पर |
- त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 18 अगस्त प्रातःकाल 05:51 मिनट पर |
सावन प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi
सावन के आखिरी प्रदोष के दिन सावन का आखिरी सोमवार व्रत भी है ऐसे में इस दिन पर प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प कर पूजा उपवास करे. प्रदोष के दिन प्रदोष काल में पूजा का विधान है इसके लिए प्रदोष काल में पुनः स्वच्छ होकर शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें. गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें. शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, चढ़ाए, व्रत कथा पढ़े और आरती करें.
सावन प्रदोष महाउपाय Pradosh Vrat Mahaupay
- शनि प्रदोष के दिन अपनी छाया देखकर सरसो के तेल का दान करना चाहिए.
- शनि प्रदोष के दिन 21 बेलपत्र एक-एक करके शिवलिंग पर चढ़ाएं. जलाभिषेक करें, फिर शिव चालीसा का पाठ करें.
- शास्त्रों के अनुसार सावन के आखिरी प्रदोष और सावन सोमवार व्रत के संयोग में प्रदोष काल के समय शिवलिंग का गन्ने के रस, कच्चे दूध, दही और शहद से रुद्राभिषेक करे और शिवलिंग पर 108 बेलपत्र चढ़ाएं।
- सावन प्रदोष के दिन भगवन शिव को साबुत चावल अर्पित करे