सर्वपितृ अमावस्या ध्यान रखे ये ख़ास बाते Sarvpitra Amavasya Upay 2020
सर्वपितृ अमावस्या शुभ मुहूर्त 2020 Ashwin Amavasya 2020 Date
- साल 2020 में सर्वपितृ अमावस्या 17 सितम्बर गुरूवार को है|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 16 सितम्बर सायंकाल 07:56 मिनट पर|
- अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 17 सितम्बर सायंकाल 04:29 मिनट पर|
पितृ विसर्जन शुभ योग Pitra Visarjan Shubh Yog 2020
इस बार 17 सितंबर, गुरुवार को 38 साल बाद सर्व पितृ अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों का ऐसा अधभुद शुभ योग बन रहा है जब पितृ अमावस्या पर ही सूर्य राशि अपनी बदलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. अर्थात इस बार पितृ अमावस्या पर सूर्य संक्रांति होने से बहुत ही सुन्दर योग बन रहा है। ज्योतिष अनुसार इससे पहले ये संयोग 1982 में बना था और इसके बाद ऐसा शुभ योग 19 साल बाद फिर बनेगा। इस बार सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य और चंद्रमा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में रहेंगे। साथ ही इस बार अमावस्या पर गुरुवार का शुभ योग भी रहेगा. गुरुवार का दिन पितरों के विसर्जन के लिए उत्तम माना जाता है। पितृ पक्ष की अमावस्या मोक्ष दिलाने वाली होती है और गुरुवार का दिन मोक्ष देने वाले भगवान विष्णु जी की पूजा का दिन है। इसीलिए इस बार सर्व पितृ अमावस्या गुरुवार को होने से और भी अधिक लाभकारी होगी.
सर्वपितृ अमावस्या विधि Ashwin Amavasya Pooja Vidhi
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर सूर्य को जल अर्पित करें. पितरों के निमित्त धूप-ध्यान कर घर में गंगाजल या गौमूत्र का छिड़काव करें. इसके बाद पितरों के नाम का भोग लगाने के लिए घर में शुद्ध सात्विक भोजन बनाएं और विधि-विधान से तर्पण व श्राद्ध कर्म करे. घर में बनाये हुए खाने में से पहले गाय, कुत्ता, और कौवे के लिए खाना अलग से निकाल ले. इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर पितरो के निमित्त दान दक्षिणा दे.
ध्यान रखे ये ख़ास बाते pitra amavasya 2020
- अमावस्या पितृ पक्ष का सबसे अहम् दिन होता है इसीलिए इस दौरान कुछ जरूरी बातो का विशेष रूप से ख़याल रखना चाहिए
- अमावस्या के दिन घर में बने भोजन में से सबसे पहले कौवे, गाय और कुत्तों के लिए भोजन निकालकर उन्हें खिलाना चाहिए क्योकि ऐसी मान्यता है की इस दौरान पितरदेव किसी भी रूप में आकर भोज ग्रहण करते है.
- पितृ पक्ष और श्राद्ध पक्ष की अमावस्या के दिन किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए और ना ही कोई नया सामान खरीदना चाहिए।
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- इस दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
- आज के दिन पितरो की विदाई की जाती है इसीलिए परिवार में आपसी कलह नहीं करना चाहिए
- इस दिन नाखून, बाल और दाढ़ी मूंछ नहीं बनाना चाहिए.
- पितृ पक्ष में या पितृ अमावस्या के दिन भौतिक सुख साधनो की ख़रीदादि भी नहीं करनी चाहिए.
- इस बात का भी विशेष ध्यान रखे की घर का कोई भी कोना अमावस्या के दिन अंधेरे में न रहे।
- अगर आज के दिन कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति आपके द्वार भोजन पानी मांगने आए तो उसे खाली हाथ नहीं जाने दें क्योकि किसी भी रूप में पितृ अपने परिजनों के बीच में आते हैं.
- गाय, कुत्ता, बिल्ली, कौआ या किसी भी अन्य जीव को ना सताये.