चैत्र नवरात्रि अखंड ज्योति नियम Chaitra Navratri Akhand Jot Niyam
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना शुभ मुहूर्त Chaitra Navratri 2020 Shubh Muhurat
- साल 2020 में चैत्र नवरात्रों का आरंभ 25 मार्च बुधवार से होकर 2 अप्रैल गुरुवार तक चलेगा.
- कलश स्थापना चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होगी|
- प्रतिपदा तिथि आरम्भ होगी – 24 मार्च मंगलवार शाम 02:57 मिनट पर|
- प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी – 25 मार्च बुधवार शाम 05:26 मिनट पर|
- प्रतिपदा तिथि सायंकाल से शुरू होने के बावजूद कलश व घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 25 मार्च बुधवार को प्रातःकाल 06:19 मिनट से लेकर प्रातःकाल 07:17 मिनट तक का होगा|
- इस बार चैत्र नवरात्रि में किसी भी तिथि का क्षय नहीं होने के कारण व्रत पूरे नौ दिनों के होंगे|
- नवरात्रि पर्व के पारण का शुभ मुहूर्त 03 अप्रैल प्रात 06:28 मिनट के बाद का होगा|
अखंड ज्योति नियम akhand jot niyam
- जो भी लोग नवरात्री के दौरान अखंड जोत जलाते है उन्हें दीपक जलाने के लिए बड़े आकार का मिट्टी या पीतल का दीपक लेना चाहिए.
- अखंड ज्योति का दीपक कभी खाली जमीन पर ना रखें बल्कि इसे लकड़ी के पटरे या किसी चौकी पर रखें.
- दीपक को रंगे हुए चावल के उपपर रखे.
- अखंड ज्योति की बाती रक्षा सूत्र से बनाई जाय तो शुभ होता है यह बाती कम से कम सवा हाथ की होनी चाहिए .
- दीपक में घी, सरसों या तिल के तेल का इस्तेमाल करे.
- मान्यता है की यदि आप घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे देवी मां के दाईं ओर रखे.
- दीपक जलाने से पहले गणेश जी का ध्यान करें.
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना विधि Navratri Ghat Sthapana 2020
नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि व शुभ मुहूर्त में घट या कलश स्थापना की जाती है। घर में उत्तर-पूर्व दिशा कलश स्थापना करे नवरात्रि प्रतिपदा तिथि के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लेकर उत्तर दिशा को स्वच्छ कर मिटटी की वेदी बनाकर उसमे जौ बौ ले अब इसी वेदी पर जल से भरे घट या कलश की स्थापना करे इस कलश में सुपारी व सिक्का डाल दे अब एक नारियल में चुनरी लपेटकर इसे कलश के ऊपर स्थापित कर समस्त देवी देवताओं का पूजन करे और माता रानी को सभी पूजन सामग्री अर्पित करे घट स्थापना के बाद “दुर्गा सप्तशती” का पाठ और अखंड जोत जलाकर नौ दिनों तक माँ की आराधना करे.
चैत्र नवरात्रि का महत्व Importance of Chaitra Navratri
सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का बड़ा महत्व माना जाता है। व्यक्तियों द्वारा मनोवांछित फलों की प्राप्ति के उद्देश्य से नवरात्रि में माता के नौ रूपों की उपासना और व्रत रखा जाता है। वही दूसरी ओर नवरात्रि का पर्व नारीशक्ति का प्रतीक भी माना गया है। नवरात्रो में नवमी तिथि बेहद ही महत्वपूर्ण है। बहुत से लोग इस दिन कन्या पूजन करते है कहा जाता है की यदि कोई भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा के साथ देवी दुर्गा की उपासना करता है तो माता रानी उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती है.
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चैत्र नवरात्रि पर बनेगे ये दुर्लभ योग 2020 Chaitra Navratri Shubh Yog 2020
नवरात्रि का पर्व देवी माँ की भक्ति और उन्हें प्रसन्न करने के लिए बेहद शुभ होता है लेकिन ज्योतिष अनुसार इनका महत्व और खासियत तब और भी अधिक बढ़ जाता है जब इस दौरान किसी ग्रह और नक्षत्रो का कोई संयोग बनता है इस बार चैत्र नवरात्र पर ऐसा ही एक दुर्लभ योग बनेगा जिसमे चार सर्वाथसिद्धि योग, एक अमृतसिद्धि योग और एक रवियोग का संयोग होगा. और साथ ही इन नवरात्रो पर बुध का प्रभाव देखने को भी मिलेगा जिस कारण इन नौ दिनों के दौरान की गयी पूजा, उपासना और किसी नए कार्य का प्रारम्भ करना सबसे अधिक शुभ होगा.