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दुर्गा विसर्जन कब है 2025 Navratri Durga Visarjan 2025 Date

नवरात्रि 2025 दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त Navratri Durga Ashtami Shubh Muhurat

Navratri Durga Visarjan 2025 Date शास्त्रों के अनुसार 9 दिनों तक चलने वाला नवरात्रि पर्व के दौरान जिस तरह विधि विधान के साथ पहले दिन घट स्थापना की जाती है वैसे ही विधि विधान के साथ दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है. कहते है की देवी दुर्गा इस दौरान अपने भक्तों के बीच रहकर उन्हें आशीर्वाद देती हैं. शारदीय नवरात्रो के दसवें दिन विजयादशमी दशहरा और दुर्गा विसर्जन करने की मान्यता है. इस दिन माता को विदा किया जाता है आइये जानते है साल 2025 में शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब है, दुर्गा विसर्जन कब किया जायेगा, अष्टमी नवमी कब है और दुर्गा विसर्जन की विधि क्या है|

दुर्गा विसर्जन कब है 2025 Durga Visarjan 2025

  1. साल 2025 में दुर्गा विसर्जन और नवरात्रि पारण 2 अक्टूबर को दशमी के दिन किया जाएगा|
  2. दशमी तिथि शुरू – 1 अक्टूबर सायंकाल 07:01 मिनट|
  3. दशमी तिथि समाप्त – 2 अक्टूबर सायंकाल 07:10 मिनट||
  4. दुर्गा विसर्जन मुहूर्त – प्रातःकाल 06:15 मिनट से प्रातःकाल 08:37 मिनट|
  5. श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ – 2 अक्टूबर प्रातःकाल 09:13 मिनट|
  6. श्रवण नक्षत्र समाप्त – 3 अक्टूबर प्रातःकाल 09:34 मिनट|

दुर्गा अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त 2025 Shardiya Navratri Kanya pujan 2025

  1. ब्रह्म मुहूर्त – प्रातःकाल 04:37 मिनट से प्रातःकाल 05:25 मिनट
  2. अभिजित मुहूर्त – प्रातःकाल 11:47 मिनट से दोपहर 12:35 मिनट
  3. कन्या मुहूर्त – सुबह 09.12 मिनट से दोपहर 01.40 मिनट |
  4. संधि पूजा मुहूर्त – शाम 05.42 मिनट से शाम 06.30 मिनट|

दुर्गा नवमी कन्या शुभ मुहूर्त 2025 Shardiya Navratri Kanya pujan 2025

  1. ब्रह्म मुहूर्त – प्रातःकाल 04:37 मिनट से प्रातःकाल 05:26 मिनट
  2. विजय मुहूर्त – दोपहर 02:28 मिनट से 03:16 मिनट
  3. गौधूलि मुहूर्त – शाम 06:07 मिनट से शाम 06:31 मिनट

दुर्गा मूर्ति विसर्जन विधि Navratri Paaran

शास्त्रों के अनुसार दुर्गा मर्ति विसर्जन के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण कर मां दुर्गा की पूजा करें। माँ दुर्गा को फल-फूल, अक्षत, सिंदूर सभी पूजन सामग्री अर्पित करें। मां के सामने घी का दीपक जलाकर सभी मंत्रों का उच्चारण करें। इसके बाद देवी माँ की आरती करें। अब माता की मूर्ति को हाथों से उनके स्थान से हिलाएं। इसके बाद विसर्जन वाली जगह पर लेकर जाकर माँ के जयकारों के बीच मां दुर्गा को मूर्ति को किसी तालाब या नदी में विसर्जित कर माँ का आशीर्वाद लेना चाहिए. ।

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