शारदीय नवरात्रि 2024 व्रत कब खोले Navratri 2024 Paran Udhyapan Kab Kare  

नवरात्री व्रत का पारण कब करे Navratri Paran date time

Navratri 2024 Paran Udhyapan Kab KareNavratri 2024 Paran Udhyapan Kab Kare पंचांग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्री दुर्गा पूजा का पर्व 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक चलेगा. नवरात्रि के इन नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा के बाद अष्टमी, नवमी को कन्या पूजन किया जायेगा. मान्यता है की कन्या पूजन और हवन के बाद नवरात्रि व्रत का पारण कर इस पर्व का समापन होता है. बहुत से लोगो में इस बात को लेकर दुविधा रहती है की नवरात्रि व्रत कब खोलना चाहिए. आइये जानते है साल 2024 में शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब किया जायेगा, व्रत कब और कैसे खोले, व्रत क्या खाकर खोले और व्रत का पारण कब करे अष्टमी नवमी या दशमी|

शारदीय नवरात्रि पारण मुहूर्त 2024 Navratri Navami Paaran Muhurat

  1. पंचांग के अनुसार साल 2024 में शारदीय नवरात्रि का पारण 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 मिनट के बाद किया जाएगा.
  2. दशमी तिथि शुरू होगी- 12 अक्टूबर प्रातःकाल 10:58 मिनट|
  3. दशमी तिथि समाप्त होगी – 13 अक्टूबर प्रातःकाल 09:08 मिनट|
  4. दुर्गा विसर्जन शुभ मुहूर्त – दोपहर 01:17 मिनट से 03:35 मिनट।

नवरात्रि व्रत कब, कैसे खोले Navratri Vrat kab Kaise Khole

नवरात्रि के नौवें दिन को नवमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग आम तौर पर कन्या पूजन और देवी आराधना के बाद ही व्रत को खोलते हैं. नवरात्रि के व्रत लोग अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य अनुसार करते है कुछ लोग फलाहार व्रत, कुछ एक समय भोजन तो वही कुछ लोग निर्जल व्रत करते है बहुत से लोग नवरात्रि में पूरे 9 दिन व्रत उपवास करते है तो वही कुछ लोग 2 नवरात्रि व्रत रखते है नवरात्रि व्रत का पारण हमेशा कन्या पूजन के बाद ही किया जाता है. मान्यता है की नवरात्रि व्रत अष्टमी, नवमी या दशमी के दिन अपनी परम्पराओ के अनुसार खोला जा सकता है. जो पूरे 9 दिन के व्रत करते है उन्हें दशमी के दिन व्रत का पारण करना चाहिए. व्रत का पारण माता की विधिवत पूजा के बाद भोग लगाकर कन्या पूजन के बाद करना चाहिए. मान्यता अनुसार नवरात्रि का व्रत माता को अर्पित किसी भी फल या माँ को भोग के रूप में चढ़ाये गए प्रसाद को खाकर खोलना शुभ होता है.

नवरात्री व्रत का पारण कब करे Navratri Paran Kab Kare

धार्मिक मान्यताओं अनुसार वैसे तो नवरात्रि व्रत का पारण नवमी तिथि के समापन और दशमी तिथि के प्रारंभ में करना शुभ होता है लेकिन जो लोग अष्टमी के दिन अपनी कुल देवी की पूजा करते हैं वह मान्यता अनुसार माता की पूजा के बाद व्रत पारण कर सकते हैं.

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