Mohini Ekadashi Vrat 26 अप्रैल 2018 व्रत कथा महत्व पूजा शुभ मुहूर्त

मोहिनी एकादशी व्रत Mohini Ekadashi fast Worship of Lord Vishnu-

Mohini Ekadashi Vrat मोहिनी एकादशी बैशाख महीने की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इस वर्ष Mohini Ekadashi Vrat मोहिनी एकादशी का यह व्रत 26 अप्रैल को है. मोहिनी एकादशी का यह व्रत मोह बंधन और पापों से मुक्ति दिलाने वाला है। इस दिन पूजा पाठ करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. ऐसी मान्यता है कि वैशाख शुक्ल की एकादशी तिथि के दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था और असुरों को अपने मोहपाश में बांधकर सारे अमृत का पान देवताओं को करवा दिया था इसी कारण देवताओं ने अमरत्व प्राप्त हुआ.  इस कारण इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा गया। आज हम आपको मोहिनी एकादशी व्रत के महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में बताएँगे.

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मोहिनी एकादशी व्रत 2018 तिथि और शुभ मुहूर्त Mohini Ekadashi Fast date Time –

  • इस साल मोहिनी एकादशी का व्रत 26 अप्रैल गुरुवार को है।
  • एकादशी तिथि 25 अप्रैल को 10:46 मिनट से शुरू होकर 26 अप्रैल को 09:19 मिनट पर समाप्त हो जायेगी व्रत के पारण का समय है 05:48 मिनट से 08:07 मिनट 27 अप्रैल तक होगा.

मोहिनी एकादशी व्रत महत्व Importance of Mohini Ekadashi Vrat –

शास्त्रों में मोहिनी एकादशी व्रत का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है कहते है की माता सीता के वियोग से पीड़ित भगवान श्री राम ने और महाभारत काल में युद्धिष्ठिर ने स्वयं अपने दु:खों से छुटकारा पाने के लिये इस व्रत को रखा था. एकादशी का व्रत रखने वाले व्रती को दशमी तिथि यानि की पहले दिन से ही व्रत के नियमों का पालन करना चाहिये। दशमी तिथि को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिये और साथ ही ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिये। मोहिनी एकादशी का यह कृत दूखों को दूर करने वाला और मनोकामना पूरी करने वाला बताया गया है.

मोहिनी एकादशी व्रत पूजा विधि Mohini Ekadashi Vrat Worship Process –

Mohini Ekadashi Vrat इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को दशमी तिथि के दिन से ही व्रत के नियमो का पूरी श्रद्धा के साथ पालन करना चाहिए एकादशी तिथि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि के बाद साफ़ सुथरे कपडे धारण करने चाहिए इसके बाद कलश स्थापना कर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए. दिन के समय इस व्रत की व्रत कथा  सुननी या पढ़नी चाहिये। भजन कीर्तन के बाद रात में भगवान् विष्णु को याद कर जागरण करना चाहिये। अगले दिन द्वादशी तिथि को एकादशी व्रत का पारण किया जाना चाहिए अंत में  योग्य ब्राह्मण और जरूरतमंद को भोजन कराकर दान दक्षिणा देनी चाहिये। इसके बाद ही स्वयं भोजन ग्रहण करना चाहिये। इस प्रकार मोहिनी एकादशी का व्रत Mohini Ekadashi Vrat पूरे विधि विधान के साथ करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है,

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