अमावस्या के नियम Amavasya Niyam
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या के दिन पितृजन पितृलोक से धरती पर आते हैं। इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं जिससे पितृ दोष दूर होता है और पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी बड़ा महत्व है. शास्त्रों में मार्गशीर्ष अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं साल 2025 में मार्गशीर्ष अमावस्या कब है, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और अमावस्या के नियम क्या है|
मार्गशीर्ष अमावस्या शुभ मुहूर्त 2025 Margashirsha Amavasya 2025 Date
- साल 2025 में मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवम्बर को है|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 19 नवम्बर प्रातःकाल 09:43 मिनट|
- अमावस्या तिथि समाप्त – 20 नवम्बर दोपहर 12:16 मिनट|
- अभिजित मुहूर्त – प्रातःकाल 11:45 मिनट से दोपहर 12:28 मिनट|
- ब्रह्म मुहूर्त – प्रातःकाल 05:01 मिनट से प्रातःकाल 05:54 मिनट|
मार्गशीर्ष अमावस्या नियम Margashirsha Amavasya Niyam
- मार्गशीर्ष अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करें और भगवान विष्णु व शिव की पूजा करनी चाहिए।
- इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना चाहिए.
- अमावस्या के दिन किसी भी शुभ काम जैसे कि घर खरीदना, नया वाहन लेना, नए कार्य की शुरुवात नहीं करनी चाहिए.
- इस तिथि पर काले तिल का दान करना चाहिए इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
- अमावस्या के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
- इस दिन तुलसी पत्र, पीपल और बेलपत्र तोड़ने से बचना चाहिए.
- मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन भोजन, गर्म कपड़े, तिल, गुड़, घी, का दान करना चाहिए.