करवा चौथ व्रत पूजा-विधि Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi
करवाचौथ – करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत को सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के साथ पूरा दिन निर्जल उपवास करते हुए रात्रि में चंद्र देव की पूजा करती हैं। साथ ही कुंवारी कन्याये भी सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए करवाचौथ का उपवास करती है. शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है की यदि इस दिन सुहागिन स्त्रियां व्रत रखें तो उन्हें पति की दीर्घायु और सुखद गृहस्थ जीवन का वरदान मिलता है. आज हम आपको साल 2020 करवाचौथ व्रत की सही तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और इस व्रत की पूजा विधि के बारे में बताएँगे.
करवाचौथ व्रत शुभ मुहूर्त 2020 Karwa Chauth Vrat Tithi Shubh Muhurt 2020
- साल 2020 में करवाचौथ का व्रत 4 नवंबर बुधवार के दिन रखा जाएगा|
- चतुर्थी तिथि शुरू होगी – 4 नवंबर बुधवार प्रातःकाल 03:24 मिनट पर|
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 5 नवंबर गुरुवार प्रातःकाल 05:14 मिनट पर|
- करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – शाम 05:34 मिनट से शाम 6:52 मिनट पर|
- करवाचौथ चंद्रोदय का समय होगा – रात्रि 08:12 मिनट पर|
करवा चौथ पूजन सामग्री Karwa Chauth Pujan Samagri
करवा चौथ की पूजा के लिए आपको विशेष रूप से जिन चीजों की जरूरत होती है वो हैं हल्दी ,कुमकुम ,अक्षत ,दिया ,अगरबत्ती ,गेहूं ,कलश ,मौली ,मिट्टी का करवा,मिठाई, फल- फूल, चंद्र दर्शन के छलनी, श्रृंगार की सामग्री आदि |
करवा चौथ व्रत पूजा-विधि Karwa Chauth Vrat Puja Vidhi
करवाचौथ के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि से निवृत होकर पूजास्थल को अच्छी तरह से साफ़ कर ले इसके बाद सास द्वारा दी हुई सरगी सूर्योदय से पहले ग्रहण करे और करवाचौथ व्रत के निर्जल व्रत का संकल्प लेकर व्रत प्रारम्भ करे. इसके बाद पूजा स्थल में कलश स्थापना कर ले और गेरू व पिसे हुए चावलों के घोल से करवा का चित्र बनाकर पूरे शिव परिवार की प्रतिमाये स्थापित करे और उनकी विधिवत पूजा करे माँ गौरी को सुहाग का सामान अर्पित कर ले. अब व्रत कथा पढ़े और सुने अंत में पति की दीर्घायु की कामना करते हुए सास का आशीर्वाद लेकर उन्हें करवा भेंट करे. इसके बाद रात्रि में चंद्रोदय के बाद छलनी से चंद्र दर्शन कर अर्घ्य देकर धूप दीप जलाकर कर प्रसाद अर्पित करे इसके बाद पति का आशीर्वाद लेकर व्रत सम्पन्न करे.
करवा चौथ सरगी Karwa Chauth Vrat Sargi
करवा चौथ व्रत की शुरुआत सरगी के साथ शुरू होकर चंद्रोदय पूजा के बाद समाप्त होती है. सरगी करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले किया जाने वाले भोजन होता है जो महिलाओं को उनकी सास के द्वारा दिया जाता है. करवाचौथ का व्रत रखने वाली सुहागन महिलाये सास द्वारा दी इस सरगी को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर करवा चौथ का व्रत शुरु करती है.