जितिया व्रत 2023 कब है Jivitputrika Date Time Shubh Muhurt 2023

जीवित्पुत्रिका पूजा विधि Jivitputrika vrat 2023 Puja Vidhi

Jivitputrika Date Time Shubh Muhurt 2023Jivitputrika Date Time Shubh Muhurt 2023 जितिया या जीव‍ित्पुत्रिका व्रत सभी व्रतों में से एक हैं. पंचांग के अनुसार यह व्रत अश्विन मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है छठ व्रत की तरह ही यह व्रत भी तीन दिन यानि 36 घंटो का होता है तीसरे दिन यानि नवमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है. यह व्रत संतान प्राप्ति, संतान की दीर्घायु और उनके सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है. इस व्रत में छठ की तरह नहाए-खाए की परंपरा होती है. आइये जानते है साल 2023 में जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत कब है, पूजा मुहूर्त, पारण कब करे, व्रत के नियम और नहाय खाय की तिथि क्या है|

जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त 2023 Jivitputrika Puja Date Timing

  1. साल 2023 में जीवित्पुत्रिका व्रत 6 अक्टूबर शुक्रवार के दिन रखा जायेगा|
  2. इस दिन अभिजीत मुहूर्त – 11:46 मिनट से दोपहर 12:33 मिनट
  3. अष्टमी तिथि शुरू – 6 अक्टूबर प्रातःकाल 06:34 मिनट पर |
  4. अष्टमी तिथि समाप्त – 7 अक्टूबर प्रातःकाल 08:08 मिनट पर |
  5. नहाय खाय की तिथि – 5 अक्टूबर 2023
  6. निर्जला व्रत और खुर जितिया – 6 अक्टूबर
  7. व्रत का पारण – 7 अक्टूबर को सूर्य उदय होने के बाद|

जितिया व्रत का पारण कब किया जायेगा Jivitputrika vrat ka paaran

साल 2023 में जितिया व्रत का पारण 7 अक्टूबर शनिवार को किया जायेगा. व्रत के पारण का समय होगा 7 अक्टूबर की सुबह 8.10 मिनट पर सूर्योदय के बाद। पारण जीवित्पुत्रिका व्रत का अंतिम दिन होता हैं. इस व्रत को निर्जल किया जाता है. व्रत का पारण नवमी तिथि की सुबह सूर्योदय के बाद ही होता है, मान्यता है की पारण के दिन चावल, मरुवा की रोटी और नोनी का साग खाना चाहिए।

जीवित्पुत्रिका व्रत पूजा विधि Jivitputrika vrat Pujan Vidhi

शास्त्रों के अनुसार व्रत के दिन नित्यकर्म व स्नान आदि के बाद साफ़ वस्त्र धारण कर पूजा स्थल पर सूर्य भगवान् और कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा स्थापित करे. प्रतिमा को स्नान कराकर धूप, दीप जलाये और पेड़ा, दूब, चावल, 16 गांठ का धागा, इलाईची, पान-सुपारी और बांस के पत्ते चढ़ाए. इसके बाद मिठाई का भोग लगाएं अब व्रत कथा पढ़े और आरती करें. इसके अलावा पूजन के समय मिट्टी और गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्ति बनाकर उन्हें लाल सिंदूर लगाए. निर्जल व्रत के अगले दिन नवमी तिथि को व्रत का पारण कर व्रत का समापन करना चाहिए.

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नहाय खाय कैसे करे Jitiya Nahay Khay

सप्तमी तिथि को नहाय खाय के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत विधिवत पूजा करे. इस व्रत में माताओ को सप्तमी तिथि के दिन यानी नहाए खाए के दिन सूर्यास्त से पहले खाना और जल ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करनी चाहिए नहाय खाय के दिन एक ही समय भोजन करने की मान्यता है.

जितिया व्रत के नियम Jitiya Ke Niyam

  1. शास्त्रों के अनुसार यह व्रत 36 घंटो का यानि तीन दिन का होता है व्रती को तीनो दिन लहसुन, प्याज या अन्य तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
  2. जो भी महिलाये जितिया व्रत रखती है उन्हें व्रत के दौरान पूर्णरूप से संयमित रहकर व्रत करना चाहिए.
  3. नहाय खाय के दिन मरुआ खाने की भी परंपरा है.
  4. व्रत के पहले दिन नहाए खाए में सूर्यास्त के बाद कुछ भी नहीं खाया जाता है इस दिन एक समय भोजन का नियम है.
  5. व्रत में जितिया की कथा सुननी चाहिए।
  6. धार्मिक मन्यताओं के अनुसार जितिया व्रत का पारण नवमी के दिन सूर्योदय के बाद करना चाहिए।
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