नवरात्रि चौथा दिन शुभ मुहूर्त Navratri Kalsh Sthapana Puja Vidhi
नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. नवरात्रि के इन नौ दिनों तक देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है और फिर अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करने की मान्यता है. नवरात्रि के चौथे दिन दुर्गा जी के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि देवी कूष्माण्डा ने अपनी मुस्कान से ही ब्रह्मांड की रचना इसीलिए इन्हें सृष्टि की आदिशक्ति भी कहा जाता है. आदिशक्ति दुर्गा के कुष्मांडा रूप का ये चौथा स्वरूप भक्तों को संतति सुख प्रदान करने वाला है।आज हम आपको साल 2020 शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और पूजा विधि के बारे में बताएँगे.
शारदीय नवरात्री चौथा दिन शुभ मुहूर्त 2020 Shardiya Navratri 2020 Muhurat
- साल 2020 में शारदीय नवरात्रि का चतुर्थी या चौथा नवरात्रि व्रत 20 अक्टूबर मंगलवार के दिन है.
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 19 अक्टूबर सायंकाल 02:07 मिनट पर |
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 20 अक्टूबर प्रातःकाल 11:18 मिनट पर |
- चतर्थी तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त होगा- प्रातःकाल 10:57 मिनट से 11:18 मिनट तक|
देवी कूष्माण्डा का स्वरुप Maa Kushmanda Swaroop
देवी कूष्मांडा को आदिशक्ति का चौथा स्वरूप मानी गयी है. इनके स्वरूप की अगर बात करे तो पुराण में कहा गया है कि इनकी आठ भुजाएं और ये सिंह पर सवार रहती हैं। मां के सात हाथों में चक्र, गदा, धनुष, कमण्डल, अमृत से भरा हुआ कलश, बाण और कमल का फूल है. माँ का ये स्वरूपर भक्तो को सुख प्रदान करता है.
माता कूष्मांडा पूजन विधि Maa Kushmanda Puja Vidhi
नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्माण्डा की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए। माँ के इस रूप की पूजा का विधान भी ठीक उसी तरह का है जिस प्रकार उनके अन्य स्वरूपों की पूजा का है. चौथे दिन देवी माँ की आराधना के लिए सबसे पहले स्नान करके हरे रंग के वस्त्र पहने. अब पूजास्थल पर स्थापित कलश, माता की प्रतिमा और अन्य सभी देवी देवताओं का आह्वाहन कर पूजा करे. अब हाथो में फूल लेकर माँ के चौथे स्वरुप देवी कूष्माण्डा की पूजा करे और साथ ही सच्चे मन से माँ का ध्यान करे. इस प्रकार विधिपूर्वक की गयी माँ की पूजा से साधक, भक्त व श्रधालुओं को भगवती कूष्माण्डा सफलता व सुख प्रदान करती हैं और भक्तो के सभी प्रकार के कष्ट दूर कर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करती है.
चौथे नवरात्रि पूजन सामग्री और भोग Navratri Fourth Day Bhog
नवरात्रि के चौथे दिन देवी माँ को मालपुए का नैवेद्य व भोग अर्पित करना चाहिए और फिर पूजा के बाद मालपुए ब्राह्मण को दान करना चाहिए ऐसा करने से माँ प्रसन्न होती है और भक्त के सभी प्रकार के विघ्न दूर हो जाते है। मान्यता है की माँ कूष्माण्डा की आराधना करने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती है.