दिवाली कब है 2023 में Diwali 2023 Date Time Shubh Muhurat 

दीपावली तिथि व शुभ मुहूर्त 2023  Diwali Lakshmi Pujan Vidhi

Diwali 2023 Date Diwali 2023 Date  पंचांग के अनुसार दिवाली का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी, गणेश, और कुबेर पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है. दिवाली का पर्व सुख, समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है. यह पर्व पूरे 5 दिनों का होता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होकर इसका समापन भाई दूज पर होता है। आज हम आपको साल 2023 में दिवाली कब है, लक्ष्मी गणेश पूजन मुहूर्त, महत्व और इसकी संपूर्ण पूजा विधि के बारे में बताएँगे.

दिवाली तिथि व शुभ मुहूर्त 2023 Diwali Festival 2023 Date Time

  1. साल 2023 में दीवाली का पर्व 12 नवम्बर रविवार को मनाया जायेगा|
  2. लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त होगा – 12 नवम्बर शाम 06:06 मिनट से रात्रि 08:10 मिनट तक |
  3. प्रदोष काल समय होगा – शाम 05:54 मिनट से रात्रि 08:21 मिनट तक |
  4. वृषभ काल समय होगा – शाम 06:06 मिनट से रात्रि 08:10 मिनट तक |
  5. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 12 नवम्बर दोपहर 02:44 मिनट पर |
  6. अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 13 नवम्बर दोपहर 02:56 मिनट पर |

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि Diwali Goddess Lakshmi Puja Vidhi

दीवाली पर यानि अमावस्या तिथि के दिन संध्याकाळ में दीवाली पूजन की मान्यता है. दीवाली के दिन सबसे पहले पूजास्थल को स्वच्छ कर शुभ मुहूर्त में एक चौकी में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की प्रतिमा स्थापित करे अब वहां पर जल से भरा कलश रखे. इसके बाद घी का दीपक जला ले. अब हाथ में जल व पुष्प लेकर सभी देवी देवताओं का आहवाहन कर पूजा करे. पूजा में लक्ष्मी गणेश जी व समस्त देवी देवताओ का तिलक करे अब खील, बताशे, पंच मेवा, गुड़, फल फूल, मिठाई, कमल का फूल व कौड़िया अर्पित करे. माँ लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप कर श्री सूक्त का पाठ करें। पूजा के बाद नैवेद्य चढ़ाये. अंत में आरती कर घर के हर द्वार व कोनों में दिए जलाये.

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दिवाली का महत्व Diwali Importance

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के दिन अयोध्या के राजा प्रभु श्री राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद जब लौटकर आते है तब अयोध्या के लोग श्री राम के आने की खुशी में दिए जलाते हैं, यही कारण है कि दिए दीवाली के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। दीपावली दीपों का पर्व है। आध्यात्मिक दृस्टि से यह अन्धकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरआत और किसी वस्तु की खरीददारी बेहद शुभ मानी जाती है। ज्योतिष अनुसार दीपावली के आसपास सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में होते हैं। कहते है की सूर्य और चंद्रमा की यह स्थिति शुभ फल देती है.

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