देव दिवाली उपाय Kartik Purnima Puja Vidhi
Dev Diwali Kab Hai 2024 Mein देव दिवाली का पर्व सभी खास पर्वो में से एक है. पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली मनाई जाती हैं. इसे त्रिपुरी या त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते है. यह पर्व दीपावली के 15 दिन बाद आती है. इस दिन प्रदोष काल में दीप जलाकर माँ लक्ष्मी और भगवान सत्यनरायन जी की पूजा से मनोकामना पूरी होती है. आइए जानते हैं साल 2024 में देव दीपावली कब है, दीप जलाने का शुभ मुहूर्त, शुभ योग और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|
देव दिवाली कब है Dev Diwali 2024 Shubh Muhurat
- देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है|
- इस साल देव दिवाली 15 नवंबर शुक्रवार को है|
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 15 नवम्बर प्रातःकाल 06:19 मिनट पर|
- पूर्णिमा तिथि समाप्त – 16 नवंबर प्रातःकाल 02:58 मिनट पर|
- स्नान-दान मुहूर्त – प्रात: काल 04:58 मिनट से प्रातःकाल 05:51 मिनट|
- चंद्रोदय समय- सायंकाल 04:55 मिनट|
देव दीपावली दीप जलाने का शुभ मुहूर्त 2024 Dev Deepawali Muhurat 2024
- देव दीपावली पर दीप जलाने का प्रदोष काल शुभ मुहूर्त होगा – शाम 05:10 मिनट से शाम 07:47 मिनट तक|
- इस दिन इस समय में गंगा घाट और पवित्र नदियों में दीपदान किया जाता है|
- सत्यनारायण पूजा मुहूर्त – प्रात: काल 06:44 मिनट से प्रातःकाल 10:45 मिनट|
- लक्ष्मी पूजन मुहूर्त – रात्रि 11:39 मिनट से 16 नवंबर को प्रातःकाल 12:33 मिनट|
देव दीपावली शुभ योग 2024 Dev Deepawali Shubh Yog 2024
ज्योतिष अनुसार इस साल देव दीपावली पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है. ग्रहों की स्थिति के अनुसार यह बेहद दुर्लभ संयोग है देव दीपावली यानि 15 नवंबर के दिन तीन ग्रह गुरु, चंद्रमा और शनि बेहद शुभ गजकेसरी योग का निर्माण करने जा रहे हैं.
देव दिवाली उपाय Dev Diwali Upay
- शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की देव दीपावली के दिन देवता स्वयं गंगा तट पर आकर दीप जलाते हैं. इसीलिए इस दिन पवित्र नदियों, तालाब, और तीर्थ स्थलों पर दीपदान करना शुभ मना जाता है.
- देव दीपावली के दिन अपनी क्षमता अनुसार, अन्न, वस्त्र, और धन का दान करने से माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है.
- इस दिन तुलसी की 11 पत्तियां लेकर एक साफ धागे में पिरोकर इसकी माला बनाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। इससे जीवन में चल रही सभी समस्याएं समाप्त होती हैं।
- इस दिन सत्यनारायण व्रत कथा पढ़ने से मनोकामना पूरी होती है|