संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Vrat Pooja Vidhi
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021 Sankashti Chaturthi 2021
- साल 2021 में विकटा संकष्टी चतुर्थी का व्रत 30 अप्रैल शुक्रवार के दिन रखा जाएगा.
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी 29 अप्रैल रात्रि 10:09 मिनट पर |
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी 30 अप्रैल रात्रि 07:09 मिनट पर|
- चंद्रदर्शन का शुभ मुहूर्त होगा – 30 अप्रैल 10:48 मिनट पर|
विकटा संकष्टी पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi
विकटा संकष्टी के दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है. इस दिन भगवान गणेश जी के विकट रूप की पूजा की जाती है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद पूजास्थल पर एक चौकी पर हरा कपड़ा बिछाकर गणपति भगवान की मूर्ति स्थापित करें और भगवान गणेश जी के मंत्र ॐ गं गणपतयै नम:’ का जाप करें। अब उनके समक्ष कलश स्थापना करते हुए उन्हें फल, फूल वस्त्र व सभी पूजन सामग्री अर्पित करे पूजा के समय भगवान गणेश जी को दुर्वा और तिल से बने लड्डु अर्पण करे. इसके बाद गणेश जी की व्रत कथा सुनें व आरती गाएं अंत में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करे.
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व Importance of Sankashti Chaturthi
पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि के दिन श्री गणेश जी के पूजन के साथ चन्द्र पूजन बहुत ही शुभ माना जाता है। आज के दिन चन्द्रोदय के बाद पूजा कर व्रत पूर्ण किया जाता है शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है भगवान श्री गणेश जी की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे बल बुद्धि विद्या का वरदान प्राप्त होता है इस खास दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं चतुर्थी तिथि के दिन गणपति की पूजा करने से घर से सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है और घर में समृद्धि आती है.
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संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay
- Sankashti Chaturthi Date Time 2021 शास्त्रों के अनुसार यदि विकटा चतुर्थी केदिन कुछ आसान व छोटे -छोटे उपाय किये जाय तो व्यक्ति को धन सम्पदा और ज्ञान का महावरदान मिलता है. आइये जानते है ये उपाय क्या है.
- मान्यता है की सभी देवो में प्रथम पूज्य भगवान् गणेश जी की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होते है और साथ ही केतु, बुध ग्रह की अशुभता भी दूर होती है..
- विकटा चतुर्थी के दिन लाल गुलाब या गुड़हल के फूल भगवान गणेश को अर्पण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
- चतुर्थी तिथि के दिन उत्तर दिशा को साफ़ कर भगवान गणेश जी की प्रतिमा को वहां स्थापित करें और पूजा कर उनके मंत्रो का जाप करे इससे धन सम्बन्धी बँधाये दूर होती है.
- यदि आज केदिन पूजा के समय लाल आसन पर बैठकर ॐ नमो भगवते गजाननाय का 108 बार जाप किया जाय तो इससे जल्द ही मनोकामना पूरी होती है.