सूर्य देव आदित्य जी के 108 नाम और उनके अर्थ Different names of Surya

भगवान सूर्य जी के चमत्कारी 108 नाम व उनके अर्थ Names of Lord Surya

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  1. अरुण – तांबे जैसे रंग वाला
  2. शरण्य – शरण देने वाला
  3. करुणारससिन्धु – करुणा- भावना के महासागर
  4. असमानबल – असमान बल वाले
  5. आर्तरक्षक – पीड़ा से रक्षा करने वाले
  6. आदित्य – अदिति के पुत्र
  7. आदिभूत – प्रथम जीव
  8. अखिलागमवेदिन – सभी शास्त्रों के ज्ञाता
  9. अच्युत – जिसता अंत विनाश न हो सके (अविनाशी)
  10. अखिलज्ञ – सब कुछ का ज्ञान रखने वाले
  11. अनन्त – जिसकी कोई सीमा नहीं है
  12. इना – बहुत शक्तिशाली
  13. विश्वरूप – सभी रूपों में दिखने वाला
  14. इज्य – परम पूजनीय
  15. इन्द्र-  देवताओं के राजा
  16. भानु – एक अद्भुत तेज के साथ
  17. इन्दिरामन्दिराप्त – इंद्र निवास का लाभ पाने वाले
  18. वन्दनीय – स्तुती करने योग्य
  19. ईश – इश्वर
  20. सुप्रसन्न – बहुत उज्ज्वल
  21. सुशील – नेक दिल वाल
  22. सुवर्चस् – तेजोमय चमक वाले
  23. वसुप्रद- धन दान करने वाले
  24. वसु – देव
  25. वासुदेव – श्री कृष्ण
  26. उज्ज्वल – धधकता हुआ तेज वाला
  27. उग्ररूप – क्रोद्ध में रहने वाले
  28. ऊर्ध्वग – आकार बढ़ाने वाला
  29. विवस्वत्-चमकता हुआ
  30. उद्यत्किरणजाल – रोशनी की बढ़ती कड़ियों का एक जाल उत्पन्न करने वाले
  31. हृषीकेश – इंद्रियों के स्वामी
  32. ऊर्जस्वल – पराक्रमी
  33. वीर – (निडर) न डरने वाला
  34. निर्जर – न बिगड़ने वाला
  35. जय – जीत हासिल करने वाला
  36. ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथी – बिना जांघों वाले सारथी
  37. ऋषिवन्द्य – ऋषियों द्वारा पूजे जाने वाले
  38. रुग्घन्त्र् – रोग के विनाशक
  39. ऋक्षचक्रचर – सितारों के चक्र के माध्यम से चलने वाले
  40. ऋजुस्वभावचित्त – प्रकृति की वास्तविक शुद्धता को पहचानने वाले
  41. नित्यस्तुत्य – प्रशस्त के लिए तैयार रहने वाला
  42. ऋकारमातृकावर्णरूप – ऋकारा पत्र के आकार वाला
  43. उज्ज्वलतेजस् – धधकते दीप्ति वाले
  44. ऋक्षाधिनाथमित्र – तारों के देवता के मित्र
  45. पुष्कराक्ष – कमल नयन वाले
  46. लुप्तदन्त – जिनके दांत नहीं हैं
  47. शान्त – शांत रहने वाले
  48. कान्तिद – सुंदरता के दाता
  49. घन – नाश करने वाल
  50. कनत्कनकभूष – तेजोमय रत्न वाले
  51. खद्योत – आकाश की रोशनी
  52. लूनिताखिलदैत्य – असुरों का नाश करने वाला
  53. सत्यानन्दस्वरूपिण् – परमानंद प्रकृति वाले
  54. अपवर्गप्रद – मुक्ति के दाता
  55. आर्तशरण्य – दुखियों को अपने शरण में लेने वाले
  56. एकाकिन् – त्यागी
  57. भगवत् – दिव्य शक्ति वाले
  58. सृष्टिस्थित्यन्तकारिण् – जगत को बनाने वाले, चलाने वाले और उसका अंत करने वाले
  59. गुणात्मन् – गुणों से परिपूर्ण
  60. घृणिभृत् – रोशनी को अधिकार में रखने वाले
  61. बृहत् – बहुत महान
  62. ब्रह्मण् – अनन्त ब्रह्म वाला
  63. ऐश्वर्यद – शक्ति के दाता
  64. शर्व – पीड़ा देने वाला
  65. हरिदश्वा – गहरे पीले के रंग घोड़े के साथ रहने वाला
  66. शौरी – वीरता के साथ रहने वाला
  67. दशदिक्संप्रकाश – दसों दिशाओं में रोशनी देने वाला
  68. भक्तवश्य – भक्तों के लिए चौकस रहने वाला
  69. ओजस्कर – शक्ति के निर्माता
  70. जयिन् – सदा विजयी रहने वाला
  71. जगदानन्दहेतु – विश्व के लिए उत्साह का कारण बनने वाले
  72. जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जित – युवा,वृद्धा, बचपन सभी अवस्थाओं से दूर रहने वाले
  73. उच्चस्थान समारूढरथस्थ – बुलंद इरादों के साथ रथ पर चलने वाले
  74. असुरारी – राक्षसों के दुश्मन
  75. कमनीयकर – इच्छाओं को पूर्ण करने वाले
  76. अब्जवल्लभ – अब्जा के दुलारे
  77. अन्तर्बहिः प्रकाश – अंदर और बाहर से चमकने वाले
  78. अचिन्त्य – किसी बात की चिन्ता न करने वाले
  79. आत्मरूपिण् – आत्मा रूपी
  80. अच्युत – अविनाशी रूप वाले
  81. अमरेश – सदा अमर रहने वाले
  82. परम ज्योतिष् – परम प्रकाश वाले
  83. अहस्कर – दिन की शुरूआत करने वाले
  84. रवि – भभकने वाले
  85. हरि – पाप को हटाने वाले
  86. परमात्मन् – अद्भुत आत्मा वाले
  87. तरुण – हमेशा युवा रहने वाले
  88. वरेण्य – उत्कृष्ट चरित्र वाला
  89. ग्रहाणांपति – ग्रहों के देवता
  90. भास्कर – प्रकाश के जन्म दाता
  91. आदिमध्यान्तरहित – जन्म, मृत्यु, रोग आदि पर विजय पाने वाले
  92. सौख्यप्रद – खुशी देने वाला
  93. सकलजगतांपति – संसार के देवता
  94. सूर्य – शक्तिशाली और तेजस्वी
  95. कवि – ज्ञानपूर्ण
  96. नारायण – पुरुष की दृष्टिकोण वाले
  97. परेश – उच्च देवता
  98. तेजोरूप – आग जैसे रूप वाले
  99. हिरण्यगर्भ् – संसार के लिए सोनायुक्त रहने वाले
  100. सम्पत्कर – सफलता को बनाने वाले
  101. ऐं इष्टार्थद – मन की इच्छा पूरी करने वाले
  102. अं सुप्रसन्न – सबसे अधिक प्रसन्न रहने वाले
  103. श्रीमत् – सदा यशस्वी रहने वाले
  104. श्रेयस् – उत्कृष्ट स्वभाव वाले
  105. सौख्यदायिन् – प्रसन्नता के दाता
  106. दीप्तमूर्ती – सदा चमकदार रहने वाले
  107. निखिलागमवेद्य – सभी शास्त्रों के दाता
  108. नित्यानन्द – हमेशा आनंदित रहने वाले
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