लक्ष्मी,गणेश और कुबेर की पूजा Worship of Lakshmi Ganesh and koober
प्राचीन कथाओं के अनुसार भगवान राम के लंका पर विजय के बाद अयोध्या आने पर वहां की जनता ने घी के दीपक जलाकर श्रीराम जी का स्वागत किया था. कहा जाता है कि उसी दिन से दीपावली मनाने कि शुरुआत हुई थी. लेकिन दीवाली में विष्णुप्रिया लक्ष्मी, गणपति और कुबेर जी का ही पूजन क्यों होता है इस बारे में जानना भी बहुत जरूरी है.
हिंदु धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ऋद्धि-सिद्धि के अधिपति गणपति और धन-संपत्ति की अधिष्ठात्री देवी भगवान विष्णु की चंचल स्वभाव की पत्नी लक्ष्मी हैं जिस कारण इन्हें चंचला भी कहा जाता है. ये चंचल स्वभाव के होने के कारण किसी भक्त या एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं टिकती हैं। इसलिए हर घर में दीवाली के दिन इनकी स्थापना की जाती है ताकि ये अपने भक्त के यहाँ स्थिर होकर रहें। इनके साथ गणेश भगवान भी विद्यमान रहते हैं. इसीलिए उनकी भी पूजा स्थापना की जाती है.
दीपावली में कुबेर पूजा का महत्व importance of koober poojan in Diwali
दीपावली को हम दीपों के पर्व के रूप में भी जानते है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन ऐर्श्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी एवं विघ्नहर्ता भगवान् गणेश की पूजा की जाती है. दीपावली वैसे तो यक्षों का उत्सव है. कहा जाता है कि दीपावली की रात्रि को यक्ष अपने राजा कुबेर के साथ हास-विलास में व्यस्त रहते है दीपावली पर हम जो रंग-बिरंगी आतिशबाजी, लजीज पकवान एवं मनोरंजन का लुत्फ़ उठाते ये सभी यक्षों की ही देन हैं. दिन-प्रतिदिन सभ्यता के विकसित होने के साथ यह त्यौहार भी विकसित और मानवीय होता चला गया और धन के देवता कुबेर के बजाय धन की देवी लक्ष्मी की इस अवसर पर पूजा कि जाने लगी क्योंकि कुबेर जी को सिर्फ यक्ष जातियों में ही मान्यता प्राप्त थी लेकिन लक्ष्मी जी की देव तथा मानव जातियों में बहुत अधिक मान्यता थी. बहुत सी जगह ऐसी भी है जहाँ दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ कुबेर की भी पूजा होती है.
दीपावली के दिन गणेश जी को पूजा में मंचासीन करने में शैव-सम्प्रदाय का बहुत बड़ा योगदान माना जाता है और उन्होंने गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि के दाता के रूप में प्रतिष्ठित किया. इसका एक तर्क यह भी है कि कुबेर मात्र धन के अधिपति हैं जबकि गणेश जी ऋद्धि-सिद्धि के दाता माने जाते हैं. लक्ष्मी जी भी केवल धन की स्वामिनी नहीं बल्कि ऐर्श्वर्य एवं सुख-समृद्धि की स्वामिनी है.
कैसे करे लक्ष्मी गणेश का पूजन