दिवाली कब है 2025 में Diwali 2025 Date Time Shubh Muhurat

दीपावली 2025 शुभ मुहूर्त Diwali Puja Vidhi

Diwali 2025 Date Time Shubh MuhuratDiwali 2025 Date Time Shubh Muhurat पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है. दिवाली 5 दिनों का महापर्व होता है जिसकी शुरुवात धनतेरस से होती है और भाई दूज पर के साथ ही इस पर्व का समापन होता है. इस दिन लक्ष्मी-गणेश और धन देवता कुबेर पूजन किया जाता है. यह पर्व सुख, समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है. आइये जानते है साल 2025 में दिवाली कब है, लक्ष्मी गणेश पूजन मुहूर्त, महत्व और इस दिन की जाने वाली विशेष पूजा विधि क्या है|

दिवाली तिथि व शुभ मुहूर्त 2025 Diwali Festival 2025 Date Time

  1. साल 2025 में दीवाली का पर्व 20 अक्टूबर सोमवार को मनाया जायेगा|
  2. लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त होगा – 20 अक्टूबर शाम 07:08 मिनट से रात्रि 08:18 मिनट तक |
  3. प्रदोष काल मुहूर्त्त होगा – शाम 05:46 मिनट से रात्रि 08:18 मिनट तक |
  4. वृषभ काल मुहूर्त्त होगा – शाम 07:08 मिनट से रात्रि 09:03 मिनट तक |
  5. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 20 अक्टूबर सायंकाल 03:44 मिनट पर |
  6. अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 21 अक्टूबर सायंकाल 05:54 मिनट पर |

दिवाली लक्ष्मी पूजन विधि Dewali Goddess Lakshmi Puja Vidhi

दीवाली के दिन संध्याकाळ में लक्ष्मी गणेश पूजा का विधान है. इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजास्थल को स्वच्छ कर शुभ मुहूर्त में एक चौकी में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की प्रतिमा स्थापित कर वहां पर जल से भरा कलश रखे. इसके बाद घी का दीपक जला ले. अब हाथ में जल व पुष्प लेकर सभी देवी देवताओं का आहवाहन कर पूजा करे. पूजा में लक्ष्मी गणेश जी व समस्त देवी देवताओ का तिलक करे अब खील, बताशे, पंच मेवा, गुड़, फल फूल, मिठाई, कमल का फूल व कौड़िया अर्पित करे. माँ लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप कर श्री सूक्त का पाठ करें। पूजा के बाद नैवेद्य चढ़ाये. अंत में आरती कर घर के हर द्वार व कोनों में दिए जलाये.

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दिवाली का महत्व Diwali Importance

शास्त्रों के अनुसार धार्मिक दृष्टि से दीपावली का अत्यधिक महत्व है। इसे भगवान श्रीराम के रावण को पराजित करने के बाद अयोध्या लौटने के दिन के रूप में मनाया जाता है, इस दिन अयोध्या वाशियो ने बेहद खुशी मनाई और दीपों से नगर को रोशन किया। आध्यात्मिक दृस्टि से यह अन्धकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरआत और किसी वस्तु की खरीददारी बेहद शुभ मानी जाती है।

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